भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 15 जुलाई को अपने मून मिशन की लॉन्चिंग को तय समय 2.51 बजे से 56.24 मिनट पहले रोक दी थी. इसरो की तरफ से बताया गया कि तकनीकी खामी की वजह से लॉन्चिंग को रोका जा रहा है. अगर यह तकनीकी खामी पता न चलती तो क्या होता? बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके3 चंद्रयान को लेकर उड़ जाता तो क्या होता? क्या रॉकेट ऐसी स्थिति में उड़ पाता? उड़ता तो कितनी दूर जा पाता? आइए जानते हैं ऐसे कई सवालों के जवाब…
लॉन्चिंग टालने का कारण था हीलियम लीकेज
क्रायोजेनिक स्टेज और चंद्रयान-2 के बीच स्थित होता है लॉन्च व्हीकल. इसमें होता है कमांड गैस बॉटल. इसके अंदर हीलियम लीकेज की वजह से मिशन को रोकना पड़ा. बॉटल में हीलियम का प्रेशर लेवल बन नहीं रहा था. यह 330 प्वाइंट से घटकर 300, फिर 280 और अंत में 160 तक पहुंच गया था. इसलिए लॉन्च को रोकना पड़ा. 22 जून को ग्राउंड टेस्ट के दौरान ऑक्सीजन टैंक में लीकेज की दिक्कत आई थी. लेकिन उसे सुधार दिया गया था.