बसपा सुप्रीमो मायावती आज चंडीगढ़ में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगी. उत्तर प्रदेश की गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में सपा के साथ गठबंधन पर बसपा ने काफी समय के बाद जीत का स्वाद चखा है. नतीजों के बाद मायावती की इस रैली का महत्व और भी बढ़ गया है. मायावती की इस रैली को 2019 चुनावों के लिए बसपा की ओर से शंखनाद बताया जा रहा है.
बसपा के संस्थापक रहे कांशीराम का आज जन्मदिन है, इसी मौके पर ये रैली आयोजित की जा रही है. मायावती की रैली के लिए सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए गए हैं. इस रैली में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से हजारों कार्यकर्ता पहुंच सकते हैं.
यह रैली चंडीगढ़ के सेक्टर 25 में हो रही है. यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन की जीत के बाद अब मायावती की कोशिश है कि 2019 में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दल एक साथ आएं. गौरतलब है कि 2014 और 2017 में बीजेपी की बड़ी जीत में दलित वोटबैंक का बड़ा हाथ था. दोनों ही चुनावों में बसपा का हाल काफी बुरा रहा था. अब मायावती इस रैली के साथ ही अपने कैडर और दलित वोटबैंक को वापस पाना चाहती हैं.
इस रैली का नाम संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ दिया गया है. रैली के जरिए पंजाब और देश में दलितों के मुद्दों को उठाया जाएगा. रैली के जरिए मायावती खुद को 2019 के लिए प्रधानमंत्री पद के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रही हैं.
जम गई बुआ-बबुआ की जोड़ी!
उपचुनाव में जीत के बाद अखिलेश यादव ने मायावती से मुलाकात भी की. अखिलेश यादव ने सबसे पहले इस जीत के लिए मायावती का शुक्रिया अदा करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. इसके बाद आगे की रणनीति पर भी उनकी चर्चा हुई. दोनों के बीच इस गठबंधन को आगे बढ़ाने और 2019 में गठबंधन के साथ-साथ सीटों पर भी सहमति बनाने पर चर्चा हुई.