
माँ कहती है कि,” एक औरत तभी संपूर्ण होती है जब वह एक अच्छी बहन, बेटी, पत्नी और माँ
होती है।” मैं अच्छी बहन, बेटी, पत्नी तो बन चुकी थी। संपूर्ण औरत बनने के लिए अंतिम चरण
को पार करना था। मेरी शादी को तीन साल हो गए पर मैं माँ नहीं बन पा रही थी। डॉक्टरी
इलाज कराया। इलाज के बाद डॉक्टरों ने कह दिया कि ,”मैं माँ नहीं बन सकती।” यह सुनते ही
मुझे लगा कि मैं अधूरी रह गई।
एक दिन सफाई करते समय एक फाइल मिली जैसे ही उसको पढ़ा मैं अवाक् रह गई। मेरे पति
पिता नहीं बन सकते। मैंने सोचा कि उनसे आज पूछूँगी उन्होंने सच क्यों नहीं बताया। शाम को
उनकी अर्थी हमारे घर आई। माँ जी रो-रो कर मेरे ऊपर गुस्सा निकाल रही थी तू बाँझ है निकल
जा। अब मैं उनसे क्या कहूँ की मैं बाँझ मैं नहीं आपका बेटा है पर कहने से क्या फायदा अब
वही नहीं रहे। मैं अपने माँ के घर आ गई। वे लोग मेरी दूसरी शादी कराने की जिद करने लगे।
माँ ने समझाया कि,” एक रिश्ता आया है वे लोग तुम को पसंद कर गए लड़के ने कहा कि वह
तुमसे ही शादी करेगा।
वह दिन भी आया मैं दुल्हन बनी कमरे में बैठी थी वे आए उन्होंने कहा कि,” मैंने तुमसे शादी
इसलिए कि मुझे पता चला कि तुम माँ नहीं बन सकती और मैं भी पिता नहीं बन सकता।
आँखों से आँसू बहते सोच रही थी कि आज मैं अधूरी औरत बन गई।