महाराष्ट्र में विदर्भ और मराठवाड़ा के 14 जिलों को कृषि संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार राज्य को स्पेशल पैकेज देने की तैयारी कर रही है. इस पैकेज के तहत राज्य को 13,650 करोड़ रुपये अगले पांच साल में मिल सकते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को रखा. जिसे अंतर-मंत्रालय व्यय वित्त समिति ने कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा है.
सूत्रों की माने तो इस प्रस्ताव के अंतर्गत 83 छोटे सिंचाई प्रोजेक्ट कवर होंगे. इनमें से 66 प्रोजेक्ट विदर्भ और 17 मराठवाड़ा में है. इसके अलावा 8 बड़े और मध्यम श्रेणी प्रोजेक्ट भी इस पैकेज के तहत आएंगे.
इन सभी प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 13,651.61 करोड़ रुपये आने का अनुमान है. इसमें भी 3,412 करोड़ रुपये भारत सरकार की ओर से केंद्रीय सहायता के रूप में दिए जाएंगे.
प्रस्ताव में यह कहा गया है कि महाराष्ट्र में 2012 से 2016 तक भारी कृषि संकट पैदा हुआ है. यह स्थिति विदर्भ और मराठवाड़ा में और भी खराब है.
किसान आत्महत्या कर रहे हैं और आत्महत्या करने की वजह पानी ना गिरना और सिंचाई संसाधनों में कमी है. फसल अच्छी ना होने पर किसान लोन ले रहे हैं और उसे चुका नहीं पाते हैं.
इसलिए मराठवाड़ा और विदर्भ के 14 जिलों में सिंचाई के संसाधन लगाने की आवश्यकता है. फिलहाल केवल 6.40 % इलाकों की ही केवल सिंचाई हो पा रही है. बाकी 93.6% एरिया पानी पर निर्भर है.