मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (65) चौथी बार फिर 6 साल के लिए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। रविवार को हुए चुनाव में उन्हें 76% से ज्यादा वोट मिले, जो पिछली बार से करीब 13% ज्यादा है। हालांकि, विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। पुतिन, जोसेफ स्टालिन के बाद रूस में सबसे ज्यादा सत्ता में रहने वाले नेता बन जाएंगे। स्टालिन 30 साल सत्ता में रहे थे। बता दें कि पुतिन के सामने 7 उम्मीदवार मैदान में थे। उनके सबसे बड़े आलोचक रहे अलेक्सी नवाल्नी को कानूनी वजहों से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया।
चौथी बार चुने गए राष्ट्रपति
– इससे पहले व्लादिमीर पुतिन 2000, 2008 और 2012 में राष्ट्रपति चुने गए थे। 2008-12 तक पुतिन प्रधानमंत्री चुने गए थे।
– पुतिन, रूस (तब सोवियत संघ रहे) के तानाशाह रहे जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाले लीडर बन चुके हैं। स्टालिन 1922 से 1952 तक 30 साल सत्ता में रहे।
– करीब 11 करोड़ लोगों ने इस बार चुनाव में वोट डाला। रूसी सेंट्रल इलेक्शन कमीशन की मानें तो चुनाव में 60% मतदान हुआ।
– पोलिंग बूथ पर उत्सव जैसा माहौल रखा गया था। वहां सेल्फी कॉम्पिटीशन, फूड फेस्टिवल और बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था की गई थी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट देने आएं।
– सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों पर भी वोट देने का दबाव था। कॉलेज स्टूडेंट्स से कहा गया था कि अगर वे वोट नहीं देंगे तो परीक्षा में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें कॉलेज से निकाला भी जा सकता है।
जीत के बाद क्या बोले?
– पुतिन ने समर्थकों से कहा, “हमारे विचार देश और बच्चों के भविष्य को महान बनाएंगे। नतीजे हमारे लोगों का भरोसा और उम्मीद को दिखाते हैं।”
पुतिन को 76% वोट मिले
उम्मीदवार | वोट% | |
1. | व्लादिमीर पुतिन | 76.66 |
2. | पावेल ग्रुडिनिन | 11.8 |
3. | व्लादिमीर जिरिनोवस्की | 5.67 |
4. | कसीनिया सोबचक | 1.67 |
5. | ग्रिगोरी येवलिंस्की | 1.04 |
6. | बोरिस टीटोव | 0.76 |
7. | मैक्सिम सुरायकिन | 0.68 |
– नवाल्नी ने चुनाव को फेक बताया और अपने समर्थकों से इसका बायकॉट करने को कहा। नवाल्नी ने देशभर में चुनाव में गड़बड़ी का पता लगाने 33 हजार वॉलंटियर भी भेजे। नवाल्नी ने ये भी कहा कि चुनाव में जबर्दस्त धांधली हुई।
पुतिन ऐसे बने रूस के सबसे ताकतवर नेता
साल | वोट% |
2018 | 76.66 |
2012 | 63.6 |
2004 | 71.9 |
2000 | 53.4 |
पुतिन के लिए बदला गया था संविधान
– पुतिन पहली बार 2000 से 2008 तक लगातार दो बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए। हालांकि, रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता। इसलिए 2008 में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की।
– 2012 में पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई और उनके लिए देश के संविधान में संशोधन भी कर दिया गया। बदलाव के मुताबिक, रूस में 2 बार राष्ट्रपति बनने की सीमा को खत्म किया गया। साथ ही उनके कार्यकाल को 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया।
केजीबी के जासूस थे पुतिन
– पुतिन रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी में जासूस थे।
– एक्सपर्ट्स की मानें तो दुनिया के सबसे बड़े देश रूस में उनकी गहरी पकड़ बन चुकी है। विपक्ष को उन्होंने करीब-करीब खत्म कर दिया है और टीवी पर अब सरकारी नियंत्रण है।
– इलेक्शन कैंपेन में पुतिन ने रूस को दुनिया की महाशक्ति बताया। साथ ही कहा कि हमारे नए एटमी हथियार किसी से भी कमतर साबित नहीं होंगे।
– कई लोगों ने देश में स्थिरता लाने और राष्ट्रीय गौरव लौटाने के लिए पुतिन का समर्थन किया।
– 65 साल की इकोनॉमिस्ट ओल्गा मैत्युनीना ने कहा, “हां, मैंने पुतिन को वोट किया। वो एक लीडर हैं। जब वो क्रीमिया वापस लाए, वे मेरे हीरो बन गए।”