जीतन मांझी ने NDA छोड़ा, लालू के महागठबंधन में शामिल हुए; तेजस्वी बोले- वे परिवार के पुराने दोस्त

पटना. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में टूट हो गई है। जीतन राम मांझी की पार्टी हम (हिन्दुस्तानी वाम मोर्चा) एनडीए से अलग होकर आरजेडी के महागठबंधन में शामिल हो गई। बुधवार को लालू यादव के बेटों तेजस्वी-तेज प्रताप यादव और आरजेडी नेता भोला यादव की जीतन राम मांझी के साथ बंद कमरे में मीटिंग हुई। मांझी के आवास पर बंद कमरे में हुई बैठक यह फैसला लिया गया। तेजस्वी के साथ बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि हम एनडीए से अलग हो गए हैं। हम अब महागठबंधन में जाएंगे। बुधवार शाम जीतन राम और तेजस्वी मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

 

 

पिता जैसे हैं मांझी: तेजस्वी
– मांझी से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि वे महागठबंधन में आए हैं। उनका स्वागत है। मांझी मेरे लिए पिता समान हैं। उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए काम किया है।

– “एनडीए में उनके साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा था। दलितों की आवाज दवाई जा रही थी। लालू जी और मेरी मां से मांझी जी का पुराना नाता है। गरीबों और दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे थे। मांझी की पॉलिसी पर सरकार नहीं चल रही थी।”

– तेजस्वी ने कहा कि जो लोग दावा करते थे कि एनडीए में टूट नहीं हो सकती। आरजेडी बिखर जाएगी। उन्हें आज जवाब मिला है। जेडीयू में भी लगातार टूट हो रही है। हाल ही में जेडीयू विधायक सरफराज पार्टी से अलग होकर आरजेडी में शामिल हुए थे।

टिकट न मिलने से नाराज थे मांझी
– जीतन राम मांझी काफी समय से एनडीए से नाराज चल रहे थे। जहानाबाद सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए भी मांझी ने टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन उनकी पार्टी को टिकट नहीं मिला। इसके बाद मांझी ने कहा था कि एनडीए में सबको कुछ न कुछ मिल रहा है। एक ‘हम’ ही है जिसे कुछ नहीं मिला।

– बता दें कि एनडीए ने जीतन राम की पार्टी ‘हम’ को 2015 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें दी थीं, लेकिन उसे एक सीट पर ही जीत मिली। मांझी दो सीट पर चुनाव लड़े थे, जिसमें से एक पर उन्हें जीत मिली। मंगलवार को आरजेडी नेता भोला यादव ने जीतन राम मांझी को खुला ऑफर दिया था। इसके बाद बुधवार को मुलाकात हुई।