बेंगलुरू पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विशेष लोक अभियोजक एन के मत्ता और वकील संवेदना वर्मा के जरिये इस मामले में कोर्ट के पहले के आदेश को लागू करने के लिए और समय मांगा था. इसके बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने निर्देश जारी किए.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक कोर्ट ने बेंगलुरू पुलिस को 10 जुलाई तक प्रॉपर्टी जब्त करने के निर्देश दिए हैं. उसी दिन मामले पर अगली सुनवाई होगी. इससे पहले बेंगलुरू पुलिस ने कोर्ट को सूचित किया था कि उसने माल्या की 159 संपत्तियों की पहचान की है, लेकिन वह इनमें से किसी को भी जब्त नहीं कर पाई.
विजय माल्या को 4 जनवरी को विशेष प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्र एक्ट (पीएमएलए-PMLA) कोर्ट ने भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था. कोर्ट ने पिछले साल 8 मई को बेंगलुरू पुलिस आयुक्त के जरिये मामले माल्या की संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया था और इस पर रिपोर्ट मांगी थी.
माल्या पहला कारोबारी है जिन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया. इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में याचिका लगाई थी. माल्या बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार है. इसके अलावा नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे कारोबारियों भी बैंकों से कर्ज लेने के बाद देश से फरार हैं. मेहुल चौकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के करीब 13 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है.
बता दें कि आरोपी मेहुल चौकसी ने मुंबई के पीएमएल कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में मेहुल चौकसी ने कोर्ट में अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पेशी में छूट देने की मांग की है.