मार्कंडेय काटजू का दावा- ’अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे बचाया’

मैं कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से नहीं मिला. बस एक घटना बता रहा हूं जब वह मुझे बचाने के लिए सामने आए.

यह घटना तब की है जब मैं इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज था. उस वक्त दोनों केन्द्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. अटल जी प्रधानमंत्री और लौहपुरुण देश के उप-प्रधानमंत्री थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के सामने मो. शरीफ सैफी बनाम उत्तर प्रदेश (रिट संख्या 43403- 1998) मुकदमा आया और बेंच की अध्यक्षता मैं कर रहा था. इस मुकदमें में याचिकाकर्ता कुछ मुसलमान थे और उनकी शिकायत थी कि उन्हें अपनी ही जमीन पर मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं मिल रही थी.

उत्तर प्रदेश में कई मुसलमानों की यह शिकायत थी और इसके चलते वह सड़क और आम जगहों पर जुम्मे की नमाज पढ़ने के लिए मजबूर थे. क्योंकि उन्हें मस्जिद निर्माण करने की मंजूरी सरकार से नहीं मिल रही थी.

हाईकोर्ट बेंच के सामने आए इस मुकदमें में सरकार का पक्ष था कि मस्जिद निर्माण करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की मंजूरी नहीं ली गई थी.