राजस्थान में मॉब लिंचिंग की घटनाओं की वजह से पशुपालन में लगे किसानों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. व्यापारी गाय खरीद नहीं रहे हैं और जो किसान खुद जान जोखिम में डालकर पशु बाजार में गायों को लेकर आ रहे हैं वो खरीदार नहीं मिलने से कई दिनों से गाय लेकर बाजार में बैठे हैं. लिहाजा गोरक्षकों और पुलिस से परेशान किसान गाय पालना ही बंद कर रहे है.
जयपुर के पास रामगढ़ में लगने वाला पशु हटवाड़ा जहां किसान और व्यापारी अपनी गायों की खरीद फरोख्त के लिए रोज आते हैं लेकिन जबसे मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, पशु बाजार की रौनक गायब है. जो किसान मजबूर हैं वही अपना जानवर बेचने के लिए आते हैं और जिन व्यापारियों का रोजी रोटी पशु व्यापार से चलता है, वही जान जोखिम में डालकर पशु बाजार में आ रहे हैं.
भरतपुर के पास के प्रेम यादव करीब 75 साल के किसान है उनके दो बेटे हैं. खेती के साथ-साथ जानवर पालते हैं. पशुओं की खरीद बिक्री से इनका घर चलता है लेकिन जबसे मॉब लिंचिंग घटनाएं बढ़ी हैं, गोरक्षकों के अलावा यह पुलिस से भी परेशान हैं. कहते हैं कि हर जगह गाड़ी रोक रोक कर पहले तो बिना पूछे ही पीटना शुरू करते हैं और फिर हजार-हजार रुपए ले लेते हैं. उम्र का भी लिहाज नहीं करते. उनको दिखाते हैं कि हमारी गाय दूध देने वाली है लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पड़ता, घरवालों को क्या खिलाएंगे समझ में नहीं आता है.