
पति-पत्नी का रिश्ता नोकझोंक है हरदम ।
कभी शक्कर ज्यादा, तो कभी शक्कर कम।
कभी शिकायतों का पिटारा, तो कभी प्यार ढेर सारा।
कभी-कभी लगती, रिश्तो में दरारें, तो कभी-कभी लगते पति पत्नी के ये रिश्ते, जन्मों से प्यारे ।
सात फेरों में बंध जाते, कभी सातों जन्म, तो कभी मुश्किल है लेना सांस एक भी पल।
शुरुआती सालों की, यह खट्टी मीठी तकरारें, बढ़ते बढ़ते बन जाती, पति-पत्नी के जीवन में स्नेह भरी फुहारें।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती साथ बढ़ता जाता साथ साथ जीने का उत्साह बढ़ता जाता।
फिर तो बिना कहे ही, चोरी से वह पल भी आता, जब ना दिखे साथी तो, दिल बहुत घबराता ।
साथी के चले जाने का ख्याल ही, रोम रोम थर्राता।
बस मन में यही कामना पनपती साथी साथ उम्र भर निभाना। साथी साथ उम्र भर निभाना।।