
हो विजय रथ पे सवार जो,
दुश्मनों की साजिश नाकाम करते हैं,
माँ भारती के वीर सपूत को हम सलाम करते हैं।
कहो तो तोड़ दे फलक के सारे सितारों को,
ग़र ठान ले तो ढाह दे लोहे की दीवारों को।
हमारी अमन- चैन की फिकर वो सुबहों-शाम करते हैं,
माँ भारती के वीर सपूत को हम सलाम करते हैं।
दिल मे वसंत सा उमंग ले
गोले बारूद से जिनका संग है,
वह हर एक जवान जिसका,
तिरंगा हीं एकमात्र धर्म है।
वो नई जोश भरी कदमो से,
हर एक काम करते हैं
माँ भारती के वीर सपूत को,
हम सलाम करते है।