सेना के जवानों के लिए रेल टिकट बुकिंग में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. रेलवे की जांच में सामने आया है कि लखनऊ छावनी में सेना के लिए विशेष बुकिंग सुविधा का दुरुपयोग करके 2 करोड़ रुपये का रेलवे को नुकसान पहुंचाया गया है.
रेलवे ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को भेजा है, जबकि सेना भी आंतरिक तौर पर छानबीन कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे एक विशेष समझौते के तहत सेना को टिकट मुहैया कराती है.
आरोप है कि लखनऊ छावनी में बैठे सेना के अधिकारियों ने टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर घोटाला किया. लखनऊ में रिजर्वेशन काउंटर पर बैठे रक्षा विभाग के कर्मचारी को इस कथित घोटाले में आरोपी बताया गया है.
इस तरह की गई गड़बड़ी
जांच पड़ताल में पता चला है कि टिकट काउंटर पर बैठे लोगों ने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में एक पीएनआर नंबर बनाया और उसे जीरो वैल्यू टिकट बताया. सिस्टम को धोखा देने के लिए इस पर फर्जी टिकट नंबर दर्ज किया गया. रेलवे और सेना के बीच हुए समझौते के मुताबिक पहले से खरीदे गए टिकटों पर पीएनआर नंबर और यात्रा का विवरण दर्ज रहता है.
ऐसे टिकट सेना के काउंटर पर उपलब्ध रहते हैं. इस केस में पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम ऑपरेटर द्वारा ऊपर लिखी गई फर्जी काम करने के बाद टिकट का प्रिंट दिया जाता है. लेकिन प्रिंट को स्विच ऑफ कर प्रिंट नहीं निकलने दिया जाता है. इस तरह से टिकट आधा या पूरा खाली रह जाता है.
रिजर्वेशन काउंटर बंद
यह टिकट यात्रा के दौरान मान्य होती है और गलत तरीके से यात्रा कर रहे यात्री को इससे कोई परेशानी नहीं होती है. रेलवे के सीनियर अफसर ने बताया कि टिकट बेचने से मिली रकम को काउंटर पर बैठा कर्मचारी हजम कर जाता है. घोटाले की शिकायत के बाद रेलवे ने इस काउंटर को छह महीने के लिए बंद कर दिया है.