चुनाव*
लोक तंत्र का आधार चुनाव है
चुनाव के द्वारा मनपंसद नेता चुनता मानव है
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने को निर्वाचन आयोग गठित होता है
यह स्वायत्त, अर्ध – न्यायिक संस्थान, चुनाव कराने की जिम्मेदारी लेता है
भारत में चुनाव कई चरणों में आयोजित होता है
पहले पारंपरिक चुनाव होता था
अब इलेक्ट्रॉनिक मशीन का उपयोग भी होता है
चुनाव में भाग लेने की न्यूनतम उम्र है अठारह वर्ष
दो चुनावों के बीच अंतराल होता पांँच वर्ष
चुनाव के द्वारा ही हम
बेहतर विकल्प चुन सकते
अपने मनपसन्द व्यक्ति को देश की बागडोर दे सकते
चुनाव सम्बंधित नियमावली आचार संहिता में होता है
इन नियमों को पालन करना जरूरी होता है
चुनाव में आम नागरिक का भी कुछ फर्ज बनता है
आम आदमी भी सत्ता परिवर्तन का दम रखता है
धर्म जाति को परे रख, गुण को महत्व दें
जो कसौटी पर खरा उतरे, उसको ही वोट दें
नेता ऐसा हो जो स्वार्थ को परे रखता हो
हर कसौटी पर वह खरा
उतरता हो
किसी के बहकावे में मतदाता नहीं आये, अपने ज्ञान का उपयोग करें
खुद भी वोट दें, औरों को भी प्रेरित करें
मतदान को लोकतंत्र का महापर्व कहा गया
श्याम शरन नेगी जी को स्वतंत्र भारत का प्रथम मतदाता होने का गौरव प्राप्त हुआ
चुनाव तभी सार्थक होगा जब नियमों का पालन होगा
हमारा भारत देश कुशल शासक के हाथ होगा
डॉ० उषा पाण्डेय ‘शुभांगी’
स्वरचित
वेस्ट बंगाल