संविधान – गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

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अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य साप्ताहिक प्रतियोगिता
                   (हमारीवाणी)
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विषय – संविधान
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शीर्षक – ऐसा है संविधान हमारा
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ऐसा है संविधान हमारा,नहीं ऐसा संविधान कोई।
पूरे विश्व में इसकी महिमा, गाता है हर देश कोई।।
ऐसा है संविधान हमारा—————।।
जीने का अधिकार दिया है, इसने हर मानव को।
शिक्षा का अधिकार दिया है, इसने हर समाज को।।
अभिव्यक्ति की आजादी, इसने दी है हर वर्ग को।
इसने दिया सम्मान सभी को,नहीं किया भेदभाव कोई।
ऐसा है संविधान हमारा—————।।
नारी को इसने दी ताकत,नारी इससे मजबूत हुई।
अपने ऊपर जुल्मों से, लड़ने को नारी तैयार हुई।।
इसके दम पर पहुंच गई है, नारी ऊँचे ओहदों पर।
पिछड़े और दलितों की, जागी है आत्मा इससे सोई।
ऐसा है संविधान हमारा—————-।।
नहीं है  इससे कोई बड़ा और महान, संविधान कहीं।
लचीला है संविधान हमारा, लेकिन बहुत कठोर नहीं।।
फलीभूत है इससे देश में, हर धर्म और  हर जाति- वर्ग।
जिसको लिखा अम्बेडकर ने, नहीं ऐसा लिखेगा कोई।
ऐसा है संविधान हमारा—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)