Pak पत्रकार अरशद की हत्या, ट्रेंड हुआ #Bajwa_Traitor
Pak पत्रकार अरशद शरीफ़ की हत्या पर सोशल मीडिया उबला
23 अक्टूबर को केन्या में अरशद की कार पर फायरिंग, मौत
फौज लीडरशिप के आलोचक थे अरशद, अगस्त में छोड़ा था पाकिस्तान
-खुशदीप सहगल
पाकिस्तान में सबसे ताक़तवर इंसान फौज के चीफ़ को माना जाता है जो इस वक्त जनरल कमर जावेद बाजवा हैं…लेकिन इन्हीं बाजवा के लिए सोशल मीडिया पर बाजवा हैज टू गो और बाजवा ट्रेटर जैसे हैशटैग इस हफ्ते ट्रेंड होने लगे…
आख़िर क्यों जनरल बाजवा के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर गुस्सा दिखाया जा रहा है. दरअसल पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ़ की 23 अक्टूबर सुबह इस्लामाबाद से 5400 किलोमीटर दूर केन्या की राजधानी नैरोबी में गोली मार कर हत्या कर दी गई. उस वक्त वो कार पर सवार थे. केन्या के न्यूज़पेपर द स्टार के मुताबिक अरशद जिस कार पर सवार थे वो नैरोबी-मगाडी हाइवे पर रोडब्लॉक पर नहीं रूकी थी और उस पर पीछे से फायरिंग की गई. केन्या मीडिया ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के हवाले से शूटिंग को मिस्टेकन आइडेन्टिटी का केस बताया और साथ ही कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा.
खुद अरशद की पत्नी जवारिया सिद्दीकी ने 23 अक्टूबर रात को ट्विटर पर इसकी तसदीक की और लिखा- आज मैंने अपने दोस्त, पति और पसंदीदा पत्रकार को खो दिया है.’
49 साल के अरशद को इंवेस्टीगेटिव जर्नलिज्म में महारत हासिल थी. साथ ही वो पाकिस्तान की ताकतवर सेना लीडरशिप के भी आलोचक थे. पाकिस्तान के छोड़ने के दो महीने बाद ही नैरोबी में उनकी हत्या कर दी गई.
अरशद शरीफ़ की मौत की ख़बर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई. अरशद पहले पाकिस्तान के मीडिया हाउस एआरवाई न्यूज़ से जुड़े रहे थे. वहां उन्होंने 8 साल काम किया. एआरवाई न्यूज़ इमरान खान की तरफ झुकाव रखने वाला चैनल माना जाता रहा है. इसी साल अगस्त में पुलिस ने अरशद शरीफ और एआरवाई से जुड़े पांच और लोगों के खिलाफ सिडिशन यानि राजद्रोह का केस दर्ज किया था. यह केस इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के नेता डॉ. शहबाज़ गिल के एक इंटरव्यू को लेकर हुआ था. इसमें गिल ने कथित तौर पर फौज के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी. 8 अगस्त को ब्रॉडकास्ट हुआ यह इंटरव्यू विवादों में घिर गया था. इसके एक दिन बाद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने चैनल का ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट’ रद्द कर दिया था. कुछ दिन तक एआरवाई चैनल को ऑफ एयर रहना पड़ा था. हालांकि सिंध हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद इस फ़ैसले को पलट दिया गया. अगस्त के आखिर में एआरवाई ने अपने प्राइम टाइम न्यूज एंकर अरशद के चैनल से जुड़ाव खत्म होने का एलान किया.
अरशद शरीफ ने अगस्त में ही सरकारी मशीनरी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के साथ अपनी जान को खतरा बताते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था. अरशद पहले दुबई गए और फिर वहां से केन्या पहुंच गए.
अरशद शरीफ़ के विदेश जाने के कुछ दिनों बाद, एआरवाई ने स्पष्ट किया कि अरशद शरीफ़ अब एआरवाई से जुड़े नहीं हैं. हालांकि कंपनी ने इसके पीछे कोई वजह नहीं बताई.
22 फरवरी 1973 को अरशद का जन्म पाकिस्तान के कराची में हुआ. अरशद के पिता पाकिस्तानी नेवी में कमांडर थे. इमरान खान के पीएम रहने के दौरान पाकिस्तान सरकार ने 23 मार्च को अरशद को प्राइड ऑफ़ परफॉर्मेंस अवॉर्ड से नवाजा था. अप्रैल में इमरान सरकार गिर गई थी.
इमरान खान ने अरशद शरीफ की हत्या पर शोक जताते हुए एक ट्वीट में लिखा- अरशद शरीफ की जघन्य हत्या से हैरान हूं जिन्होंने सच बोलने की इतनी बड़ी कीमत जान देकर चुकाई. उन्हें देश छोड़ना पड़ा था और विदेश में छुप कर रह रहे थे लेकिन सोशल मीडिया पर सच बोलना जारी रखा. ताकतवरों को एक्सपोज करते रहे. आज पूरा मुल्क उनकी मौत पर गम में डूबा है.
पाकिस्तान में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और मीडिया को दबाए जाने का इतिहास रहा है. पिछले ही महीने अमेरिका ने पाकिस्तान में प्रेस की आज़ादी को लेकर चिंता जताई थी…