इन दिनों न्यूज चैनलों से लेकर जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं हर जगह एक ही खबर देखने को मिल रही है और हर व्यक्ति के मुँह से केवल एक ही चर्चा सुनने को मिल रही है और वो है तुर्की में आया भूकंप । जिस से हज़ारों लोग इस दुनिया से रुखसत हो गए । ज़लज़ला ऐसा जिसने लम्हों में तबाही मचा दिया और मिनटों में फलक बोस इमारत को जमीं दोज कर दिया ।
तुर्की में भूकंप के कारण तबाही की ये कहानी कोई नयी नहीं बल्कि सदियों से गाहे बगाहे भूकंप के क़हर ने तुर्की को तबाही का मंजर देखने पर मजबूर किया और इससे पहले भी भूकंप के कारण जान व माल का काफी नुकसान हुआ और हजारों जानें गई हैं ।
आईये जानते हैं अब तक तुर्की में 7 तीव्रता के ऊपर कब कब और कितने भूकंप आये और उसमें कितने लोग मारे गये ।
1 – बीते दिनों 6 फरवरी 2023 को 7.08 की जिस तीव्रता से भूकंप ने तबाही मचाया ठीक इसी तीव्रात का भूकंप इससे पहले 1939 में आया था. उसमें 32,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे l
2 – 17 अगस्त 1999 में तुर्की के इजमित में 7.06 की तीव्रता से भूकंप आया. इसमें 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे ।
उससे पहले 23 जुलाई 1784 को एरजिनकान में इसी तरह का भूकंप आया था. जिसमें 5 से 10 हजार लोगों के मारे जाने का अनुमान था ।
3 – तुर्की में 7.05 तीव्रता वाले भूकंप अब तक कुल मिलाकर 6 बार आए हैं जिसमें ढाई लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। 7 मई 1930 को आए भूकंप में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 26 नवंबर 1943 को आए भूकंप में करीब 5 हजार लोग मारे गए थे. 1 फरवरी 1944 में फिर इसी तीव्रता का भूकंप आया और इस बार चार हजार लोग मारे गए. 24 नवंबर 1976 को आए भूकंप में चार हजार लोग मारे गए ।
4 – 2 जुलाई 1840 में केवल एक बार 7.04 की तीव्रता से भूकंप आया है. जिसमें कुल 10 हजार लोगों की जानें गईं ।
3 अप्रैल 1881 में 7.03 तीव्रता से आए भूकंप से 7866 लोगों की जान गई । जबकि 10 अक्टूबर 1883 में आए भूकंप से 120 लोग मारे गए। और 9 अगस्त 1953 को आए भूकंप से 216 लोगों की जानें गई।
*आखिर क्यूँ आते हैं तुर्की में इतने भूकंप* ?
तुर्की में इतने अधिक भूकंप आने का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। लगभग 8 करोड़ की आबादी वाला ये देश 4 टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है । और जैसे ही चारों में से कोई एक प्लेट भी हिलती है उससे पूरे क्षेत्र में जोरदार झटका महसूस होता है। तुर्की का सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर बसा है, जो दो प्रमुख प्लेटों, यूरेशियन और अफ्रीकी और एक छोटी, अरेबियन के बीच स्थित है। अफ्रीकी और अरब प्लेटें जैसे ही शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्की जोर से कांपने लगता है।
( स्वतंत्र पत्रकार )