*यह जिंदगी :गम और मुस्कुराहट*
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जिंदगी के इस अजीब चरखे में सुख और दुःख के ताने-बाने हैं। कभी चेहरे पर मुस्कुराहट होगी तो कभी गम के बादल छाने हैं।
ना जाने क्यों यह जिंदगी कितनी ही करवटें बदलती है,
कभी सुख और मुस्कान से सरोबार होती है ,
तो कभी चिंताओं का लिबास पहनती है।
ये जिंदगी एक जंग ही सही पर, हर कदम एक नई राह दिखाती है।
कभी ख़ुशी कभी ग़म यूं ही चलेगा जीवन का ये चक्र,
कभी कोई वजह दिल को दुखाती है तो ,
कभी एक पल ही सही चेहरे पर पर मुस्कान लाती है।
कभी कभी गहरे गम के आलम में भी मुस्कान दिखानी चाहिए।
क्योंकि जीने की चाहत तो हर शख्स को होती है।
दिल कहता है हम जिंदगी को जीत ही लेंगे ,
बस इन होठों पर थोड़ी मुस्कुराहट होनी चाहिए।
कभी एहसासों से रूबरू होता हूं,
कि गमों में भी थोड़ा मुस्कुरा लेना चाहिए।
चिंताओं के बादलों से ऊपर उठकर,
इन होठों पर मुस्कुराहट की बूंदे छिड़कनी चाहिए।
लिहाजा जिंदगी यूं ही नहीं नवाजी उस खुदा ने हमें,
हमें उसका हर अंदाज पसंद आना चाहिए।
हर दर्द -गम हवा बनकर उड़ जाएगा जनाब,
बस हमें गमों में भी दिल से मुस्कुराना चाहिए।
नन्जू कुमार महरानिया*
राजस्थान