रूपनगर ( पियूष ) आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस (21 अक्टूबर, 1943) के उपलक्ष्य में नेताजी सुभाष
क्रांति मंच सिंगापुर में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। मंच ने दावा किया है कि आजादी के बाद अपनी
किस्म का यह पहला मौका है, जब विदेशी धरती पर नेताजी की याद में समागम होगा। नेताजी सुभाष क्रांति
मंच के प्रधान वीपी सैनी ने वीरवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उनके नेतृत्व में 19 अक्टूबर को 31
सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। प्रतिनिधिमंडल तीन नवंबर तक सिंगापुर, मलेशिया तथा थाइलैंड का
भ्रमण करेगा। प्रतिनिधिमंडल में छह सदस्य सुभाष चंद्र बोस के परिवार से संबंधित हैं, जबकि शहीद भगत
सिंह के भांजे प्रो. जगमोहन सिंह भी शामिल होंगे। सैनी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल उन स्थानों का भ्रमण
करेगा, जहां नेताजी गए थे। मुख्य समागम 21 अक्टूबर को सिंगापुर में होगा। सैनी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय
मुहिम का उद्देश्य उस पवित्र धरती को प्रणाम करना है, जहां से आजाद हिंद आंदोलन का आगाज हुआ था।
वहां शहीदों को श्रद्धांजलि भी भेंट की जाएगी।
सैनी ने बताया कि सिंगापुर के कैंथो हाल में नेताजी ने अपनी सरकार की घोषणा की थी, वहीं विशेष समागम
किया जाएगा। समागम की अनुमति लेने के लिए वह सिंगापुर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 65 वर्ष
बाद भी नेताजी के योगदान और आजाद हिंद फौज की भूमिका की पूरी जानकारी दुनिया के सामने नहीं आई है।
यह समागम अधूरी कहानियों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुहिम का हिस्सा है। प्रतिनिधिमंडल में
सुभाष चंद्र बोस के भतीजे व पूर्व सांसद सुब्रतो बोस भी शामिल होंगे।