आजकल नींद नाराज हैं मुझसे

nivia

आजकल नींद  नाराज हैं मुझसे

 सिरहाने भी  अब कोसने लगे हैं
  वास्ता देते हैं मुझे  तुम्हारी बाहों का
 सपने भी अब मुझे टोकने लगे हैं
 सवालों का  ढेर   लगा हैं  इर्द गिर्द
जवाबो में ताने चुभोने  लगे हैं
 तन्हायी का आलम न पूछ सजना
आंसू भी आँखों के कोर भिगोने लगे हैं
 नाराज हैं  मुझसे मैं जानती हूँ यारा
 सनम जब से मेरे   पीठ मोड़ कर सोने लगे हैं

नाराज हैं  मुझसे

नीलिमा शर्मा ( निविया )