तेरी यादों में जालिम गुजर जाएगी
जिन्दगी अब न जाने किधर जाएगी
इक नजर देखिए बस जरा सा हमें
आपको देखकर ये सँवर जाएगी
रोशनी अब ये पा लेगी लगता तो है
चीर देगी अँधेरा जिधर जाएगी
आँसुओं की लड़ी बह रही थी कहीं
बह के जानूँ न वो किस नहर जाएगी
कुछ कहेंगे नहीं फिर भी हम तो सनम
बात अपनी दिलों तक मगर जाएगी
पूनम शुक्ला