साहित्य गीतिका SaraSach — August 6, 2014 नेह मेह अति बरसे होकर बेकाबू नभ से मेघ छोड़ अब पीछा अवनि पुकारे कब से हुआ बहुत जल प्लावन त्राहिमाम करे सब रब से बरसों जहाँ हो सूखा मिले निजात अजल से कितनी कहाँ हो बारिश पूछो कभी भू तल से हुआ बहुत जल प्लावन करे शान्ति पाठ रब से शान्ति पुरोहित मैच के बाद विजय शंकर ने खुद को कमरे में कर लिया था बंद, कार्तिक ने खुलवाया दरवाजाबजा कर्नाटक चुनाव का बिगुल, इस बार कुल 56 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगेलिव-इन में रह रही महिला की हत्या, आरोपी ने खुद किया सरेंडर Share on: WhatsApp