कुंडलिया छंद

shanti

 भाई का तो फर्ज है****बहना को दे मान
बहन को भी रहता है****भाई पर अभिमान
भाई पर अभिमान****दुआ ये रब से करती
पूरी हो हर आस****मंगल कामना करती

 शान्ति पुरोहित