साहित्य कुंडलिया छंद SaraSach — August 13, 2014 भाई का तो फर्ज है****बहना को दे मान बहन को भी रहता है****भाई पर अभिमान भाई पर अभिमान****दुआ ये रब से करती पूरी हो हर आस****मंगल कामना करती शान्ति पुरोहित नववर्ष नई प्रेरणा नया आगाज़दुर्गा शक्ति के बहाने ताकतवर होती आईएएस लॉबीगहनतम भावाभिव्यक्ति है :`रेत का समंदर ‘ -डा. नीरज भारद्वाज Share on: WhatsApp