गली-गली में सज गया ,माता का दरबार
जग सारा ममतामयी ,सकल करे जयकार
सकल करे जयकार ,करे श्रधा पूरित भक्ति
ओढ़ी चुनर लाल, माता जग जननी शक्ति
कहत शांति कविराय,वक्त ने करवट बदली
जग का हो कल्याण,सजे दरबार हर गली
शान्ति पुरोहित
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Writer: SaraSach
Web: http://www.sarasach.com
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