साहित्य कुंडलियाँ छंद – शान्ति पुरोहित SaraSach — October 9, 2014 गली-गली में सज गया ,माता का दरबार जग सारा ममतामयी ,सकल करे जयकार सकल करे जयकार ,करे श्रधा पूरित भक्ति ओढ़ी चुनर लाल, माता जग जननी शक्ति कहत शांति कविराय,वक्त ने करवट बदली जग का हो कल्याण,सजे दरबार हर गली शान्ति पुरोहित हवाला की रकम समझकर लूटा बैग, खोला तो देखकर उड़ गए होश, आरोपी गिरफ्तारवर्ल्ड कप 2019: महामुकाबले की तारीख हुई तय, भिड़ेंगे भारत-PAKजम्मू-कश्मीर: विदेशी टूरिस्ट को भी जगह छोड़ने की सलाह, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी, टिकट मिलने में हो रही दिक्कत Share on: WhatsApp