लोकतंत्र की मर्यादा का राज ठाकरे ने किया चीरहरण

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मनसे प्रमुख राज ठाकरे का एक बयान टीवी चैनल पर सुनने को मिला। सब बलात्कारी बिहारी हैं! बयान ऐसे मौके पर आया जब पूरा देश दिल्ली गैंग रेप की घटना से मर्माहत है। सुन कर गुस्सा आना लाजमी है। बिहार के नेता मीडिया के सामने आये, किसी ने मानसिक दिवालीया कहा तो किसी ने पागल। सब ने रस्म अदायगी की। सभ्य समाज में इस तरह के बयान के लिए कोई जगह नहीं है। मगर सिर्फ बयान के खिलाफ बयान दे देना ही समस्या का हल है?
असल में देखा जाए तो मनसे हो या शिवसेना का के सियासत का आधार ही क्षेत्रवाद और सम्प्रदायवाद है। वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इनकी जहरीली जुबान हमेशा चलती रहती है। जो कि देश की एकता व अखण्डता के लिए घातक है। इस तरह के बयानबाजी से जहां देश में क्षेत्रवाद को बल मिलेगा वहीं साम्प्रदायिक ताकतों को सिर उठाने का मौका भी। आज हमारा मुल्क आतंकवाद व नक्सलवाद जैसी जटिल समस्या से अछूता नहीं है अगर वक्त रहते राज ठाकरे जैसे संकीर्ण सोच वाले नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल में नही डाला गया तो समाज में इस तरह की दूसरी ताकतों को उभरने का मौका मिल जाएगा।
विगत कई सालों से राज ठाकरे ने बिहार व बिहारीयों के खिलाफ न जाने कितने  हंगामाखेज बयान जारी किए। जिसका नतीजा रहा कि महाराष्ट में काम करने वाले बिहारीयों पर मनसे के कार्यकर्ता रूपी गुंडों ने हमला किया। जिस वजह से इनके रोजी-रोटी कमाने में बाधा आयी। जबकि संविधान में देश के आम नागरिक को ये अधिकार प्राप्त है कि वह देश के किसी भी हिस्से में निवास कर सकता है औ रोजगार भी। मगर मनसे के गुंडे बिहारीयों के खिलाफ आये दिन मारपीट करते रहते हैं। क्या यह लोकतंत्र की मूल भावना से खिलवाड नहीं है? भारत के नागरिकों को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन नहीं है? आखिर कहां हैं सरकारें? सियासत की खातिर हमें कौन-कौन सी कुर्बानी देनी होगी? क्या लोकतंत्र की मर्यादा से खिलवाड करने की छूट इन नेताओं को इसी तरह मिलती रहेगी? संविधान का मखौल कब तक उड़ाया जाएगा?
अब बस! सरकारों को चेतने का वक्त आ गया है। देश की एकता व अखण्डता को अक्षुण बनाने के लिए संविधान की भावना से मजाक करने वालों को सबक सिखाने का समय आ गया है। क्षेत्रवाद की फसल उगाकर सियासत करने वालों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। देश को बिहार, बंगाल, गुजरात के नाम पर बाटने वालों के खिलाफ आवाज उठाने का वक्त आ गया है। समय रहते अगर हम नहीं चेते तो हम सबको गंभीर परिणाम भी भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।

एम. अफसर खां सागर