*विसर्जन*
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इंसान तभी सफल और सज्जन होगा
घृणा, शत्रुता का ज़ब *विसर्जन* होगा
धर्म का नाम लेकर अधर्म और जीवन भर कुकर्म
पीड़ितों पर ज़ुल्म भला कैसे कम होगा
मानवता और इंसानियत है बड़ा धर्म जानोगे
शास्त्रों का ज्ञान जब तुम्हें अर्जन होगा
इंसानियत और मानवता पर कलंक मुट्ठी भर
ढूंढोगे तो सभी धर्मों में दुर्जन होगा
और सभी धर्मों के शास्त्रों को खंघालो *रशीद*
इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म होगा
हमने ही बाँटा है ख़ुद को एक हो जाओ
मुल्क में फिर से चैन-ओ-अमन होगा
*सारा सच* तुम्हें पता है ये नेता किसी के सगे नहीं
बहकते रहे ऐसे तो ऐसे ही ज़ुल्मों सितम होगा
©®रशीद अकेला!
झारखण्ड