नारी-रत्नः एक गौरव गाथा

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दिनांक, 15 नवंबर, 2015 नॉन कॉलिजिएट वुमन एजुकेशन बोर्ड, दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज शिक्षण केन्द्र पर ̒ नारी-रत्नः एक गौरव गाथा 2015̕ विषय पर कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में प्रथम वर्ष की छात्राओं ने भारतीय संस्कृति के प्रमुख नारी चरित्रों के जीवन पर आधारित एकल अभिनय किया। इन प्रमुख चरित्रों में समाज को दिशा देने वाले प्रमुख नारी पात्रों की चुनौती पूर्ण स्थितियों का चित्रण किया गया। सीता प्रभु श्रीराम के समाज और परिवार के बीच असंतुलन पर प्रहार करती है। द्रौपदी पाँच पुरूषों को पति स्वीकार करती है किन्तु संकट के समय वे सभी के सभी एक स्त्री से मुँह चुराने लगते हैं पुरूष की इस नपुंसकता पर तीखा प्रहार करते हुए द्रौपदी कहती है ये पाँच पुरूष ही नहीं पूरा का पूरा समाज की नपुंसक दिखाई पड़ता है। रजिया सुलतान, जोधा बाई, लक्ष्मीबाई आदि के माध्यम से  मध्यकालीन समाज में स्त्री के साहस और राजनीतिक सूझबूझ की गाथा प्रस्तुत की गई।

वर्तमान समाज की स्त्री शक्ति का लोहा मनवाने के लिए छात्राओं ने अपने समसामयिक उन चरित्रों को चुना जो अपने परिश्रम और साहस से समाज की दिशा परिवर्तन की क्षमता रखती हैं। इनमें स्वच्छ और साहसी पुलिस अधिकारी की छवि वाली किरण बेदी। खेल जगत में अपनी मुक्केबाजी का विश्व स्तर पर यश फैला चुकी मैरी कॉम। दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के चारित्रिक अभिनय को खूब सराहना मिली। राजनीति के क्षेत्र से भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी, संगीत के क्षेत्र से सुर साम्राज्ञी लतामंगेशकर, बैंकिंग के क्षेत्र में दुनिया में अपनी अलग छवि रखने वाली चंदा कौचर का चरित्र भी सराहनीय रहा। गुलाबी गैंग के माध्यम से चर्चा में आयी संपतपाल की समाज सुधारक भूमिका को छात्राओं द्वारा भारी प्रशंसा मिली। इसी प्रकार महा सती मैना सुंदरी, पंडिता रमाबाई, सुधा चंद्रन, कल्पना चावला, सोनाली मुखर्जी के चरित्रों को भी दिखाया गया। छात्राओं को उनके अभिनय के लिए विभिन्न श्रेणी के पुरस्कार प्रदान किये गये।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध अधिवक्ता तथा समाज सेवी श्री खेमचंद जागीरदार। आपने अपने वक्तव्य में महिलाओं की संवैधानिक समानता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान स्त्री-पुरूष में कोई भेद भाव नहीं करता। कार्यक्रम का आयोजन हंसराज कॉलेज NCWEB केन्द्र प्रभारी डॉ. सुधांशु शुक्ला के द्वारा किया गया। डॉ. शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे केन्द्र की छात्राएँ बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए जानी जाती है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्राओं के लिए शिक्षा का सुविधा जनक वातावरण प्रदान करता है।  हमारा महाविद्यालय छात्राओं के संपूर्ण विकास के माध्यम से इस प्रयास में सहयोग करता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नृत्यगोपाल शर्मा ने किया।