पूर्व सीवीओ चतुर्वेदी हो सकते है एंटी करप्शन ब्यूरो प्रमुख

Sanjeev CVO

आइएफएस अधिकारी संजीव
चतुर्वेदी को पिछले साल एम्स
के सीवीओ पद से हटा दिया
गया था। इस मामले ने काफी
तूल पकड़ा था और इसे लेकर
मोदी सरकार की आलोचना
हुई थी।

नई दिल्ली। अखिल भारतीय
आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व मुख्य सतर्पता
अधिकारी (सीवीओ) संजीव चतुर्वेदी को
दिल्ली सरकार के ्रष्टाचार निरोधी
ब्यूरो का प्रमुख बनाया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री के
तौर पर शपथ लेने के बाद चतुर्वेदी
की नियुव्ति हो सकती है। इसके लिए
केजरीवाल केंद्र सरकार से बात करेंगे।
आइएफएस अधिकारी संजीव
चतुर्वेदी को पिछले साल एम्स के सीवीओ
पद से हटा दिया गया था। इस मामले
ने काफी तूल पकड़ा था और इसे
लेकर मोदी सरकार की आलोचना हुई
थी। गौरतलब है कि अपने दो साल के
कार्यकाल में चतुर्वेदी ने एम्स के भीतर
्रष्टाचार के 150 से अधिक मामलों
को उजागर किया, जिसमें करीब 80
मामलों में आरोपियों को सजा हो चुकी
है।संजीव चतुर्वेदी को केंद्र सरकार ने
पिछले 14 अगस्त को देश के सबसे
बड़े सरकारी अस्पताल एम्स के सीवीओ
पद से हटा दिया था। तत्कालीन स्वास्थ्य
मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि चतुर्वेदी
का एम्स के सीवीओ पद पर रहना
असंवैधानिक है। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट
कर यह भी कहा था कि सीवीसी ने दो
बार चतुर्वेदी का नाम खारिज किया,
लेकिन बाद में खुद सीवीसी ने इस
मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय से अपना
पक्ष स्पष्ट करने को कहा था।
गौरतलब है कि सीवीओ पद से
हटाए जाने के बाद संजीव चतुर्वेदी ने
सीवीसी के सामने अपना पक्ष रखा था।
चतुर्वेदी ने सीवीसी को बताया कि
भाजपा नेता जेपी नड्डा के राजनीतिक
दबाव के चलते उन्हें सीवीओ के पद
से हटाया गया है। अपनी दलील में
चतुर्वेदी ने सीवीसी के सामने जेपी
नड्डा की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को
लिखी चिट्ठियां दिखाईं। इन चिट्ठियों
में नड्डा ने न केवल चतुर्वेदी को एम्स
सीवीओ पद से हटाने की मांग की थी,
बल्कि नए सीवीओ का नाम भी सुझ्ााया
था।