पति के लाश पर दहाड़ मारती पत्नी को देख पुष्पा को एक वाक्या याद आया
ऐ जी तनि सुनत बानीं ~~ एगो गिलास पानी पियाइं न ~~ पति की आवाज पत्नी सुनते ~~ कर्कश आवाज में चिल्लाई… रउवा त हमेशा तरास लागलेअ रहेलाअ हमहु ना उठेअ जातनि ~~ एतने पियास लागल बा त उठीं अउरी लेकेअ पानी पीं
पुत्र चिल्लाया बुढ़वाअ मरतो नइखे ~~ मरीत त पीछा छुटित
पुत्र व पत्नी के व्यवहार से तंग मौत को बुलाने की पूरी कोशिश करने लगा . बायपास सर्जरी हो ही चुका था बस खाने पीने रहन सहन में लापरवाही ही तो करनी थी
ऐसी मौत पर पत्नी का रोना बस नाटक था ~~ पेंशन का पैसा जो कम हो गया था
पैसा कमाने वाला मशीन इंसान को क्यों लोग समझने लगते हैं