जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए एक महीना बीत चुका है. केंद्र सरकार की ओर से 5 अगस्त को लिया ये फैसला घाटी के लोगों के लिए झटके जैसा था. जहां फैसले के आलोचक नाराज हैं, वहीं समर्थक कुछ भी कहने में चौकसी बरत रहे हैं.
केंद्र सरकार के फैसले के एक महीने बाद कश्मीरियों की प्रतिक्रिया जानने के लिए सीरीज शुरू की है. इसी की पहली कड़ी में हमने कई लोगों से बात की.
श्रीनगर में एक पूर्व मीडिया प्रोफेशनल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “जम्मू और कश्मीर को इसलिए चुना गया क्योंकि ये मुस्लिम बहुल राज्य है. हमारा विशेष दर्जा क्यों वापस लिया गया? हम कभी अपनी ज़मीन बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे और अपनी पहचान की रक्षा करेंगे. ये फैसला (विशेष दर्जा खत्म करना) स्थिति को और बिगाड़ सकता है.”