डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद थमा भी नहीं था कि अब असफिला क्षेत्र को लेकर तनाव पैदा हो गया है. एक बार फिर से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनती दिख रही है. असफिला क्षेत्र को लेकर बने तनाव के माहौल के बीच चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को कभी भी मान्यता ही नहीं दी है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेन शुआंग ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा विवाद को लेकर कहा कि हमें ऐसी किसी भी घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है. चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को लेकर मान्यता नहीं दी है. पहले के विवादों के समाधान के लिए दोनों पक्षों को नियमों का पालन करना चाहिए.
चीन की आपत्ति
इससे पहले एक दिन पहले रविवार को ऐसी खबर आई थी कि अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. चीन ने इस क्षेत्र को लेकर फिर से अपना दावा ठोका और भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया. चीन ने दावा किया कि असफिला क्षेत्र उसका हिस्सा है. जबकि भारतीय सेना ने चीनी सेना के इन आरोपों और आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया.
सूत्रों के अनुसार, चीन ने इस मुद्दे को 15 मार्च को बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान उठाया था, जिसे भारतीय सेना ने फौरन सिरे से खारिज कर दिया. यह बैठक किबिथू इलाके में चीन की तरफ दईमाई चौकी पर हुई. भारतीय सेना ने असफिला क्षेत्र में चीन के दावों को भी खारिज किया है.
यह हमारा हिस्सा: भारत
भारत का कहना है कि असफिला अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी क्षेत्र का हिस्सा है और भारतीय सेना इस इलाके में लगातार पेट्रोलिंग करती आ रही है. सूत्रों ने बताया कि चीन ने असफिला इलाके में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया, जिस पर भारतीय सेना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. भारतीय सेना ने असफिला क्षेत्र में चीन के दावों को भी खारिज किया है. उसका कहना है कि असफिला अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी क्षेत्र का हिस्सा है और भारतीय सेना इस इलाके में लगातार पेट्रोलिंग करती रही है.
अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में चीनी दावे के बाद पैदा हुए तनाव के बीच चीनी घुसपैठ का बड़ा खुलासा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि चीनी सैनिक लद्दाख में पैंगोंग झील के पास भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर तक घुस आए. भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में चीनी घुसपैठ की पूरी जानकारी दी.
पहले भी हुआ है विरोध
दूसरी ओर, असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग करने का चीन द्वारा विरोध किया जाना हैरान करने वाला है. इस इलाके में चीन की सेना अक्सर घुसपैठ करती रहती है, जिसको भारतीय सेना गंभीरता से लेती रही है. इससे पहले इस क्षेत्र में चीन ने निर्माण कार्य करने की कोशिश की थी, जिसका भारतीय सेना ने कड़ा विरोध किया था.
भारत की ओर से हुए विरोध के बाद चीन को यहां पर निर्माण कार्य को बंद करना पड़ा था. बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान दोनों देशों की ओर से सीमा पर होने वाली घुसपैठ की घटनाओं और ऐसे मुद्दों को उठाया जाता है, जिसके चलते सीमा पर फिर से तनाव के हालात बन गए हैं.