जॉर्डिन किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने आतंकवाद के खिलाफ छेड़ी गई वैश्विक लड़ाई किसी धर्म या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है बल्कि यह हिंसा और घृणास्पद के खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर मुहम्मद ने दलायुता, मानवता और क्षमा का संदेश दिया।
अब्दुल्ला ने कहा- यह मेरा विश्वास है, वह विश्वास जिसे मैं बच्चों को सिखाता हूं। ये वो विश्वास है जिसे दुनिया के 1.8 बिलियन मुसलमानों के बीच साझा किया गया है।
जॉर्डन किंग नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘इस्लामिक हेरिटेज: प्रोमोटिंग अंडरस्टेंडिंग एंड मॉडर्नाइजेशन’ के नाम से आयोजित कॉन्फ्रेंस के दौरान बोल रहे थे। ऐसे समय में जब सरकार धार्मिक कट्टरपंथी ताकतों से लड़ रही है जॉर्डन किंग अब्द्ल्ला द्वितीय का यह संबोधन भारत के लिए काफी अहम है।
अब्दुल्ला ने कहा- “आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई किसी धर्म या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। यह हिंसा और घृणा के खिलाफ लड़ाई है। हमें गलत जानकारी फैलानेवाले ऐसे समूहों को देखने की जरूरत हैं जो ऐसी चीजें फैला रहे हैं।”