
मेरा देश,नाम है इसका भारत,
गर्व से खड़ा उन्नत हिमालय पर्वत,
इसके पश्चिम में गुजरात,पूर्व में आसाम,उत्तर में काश्मीर और दक्षिण में कन्याकुमारी।
सदा बहती पवित्र नदियां,गंगा, यमुना,सरस्वती,तुंगा,गोदावरी,
कृष्णा,और कावेरी।
इतिहास इसका विश्व में सबसे प्राचीन है,
अनेकों गाथाओं से भरा इसका एक एक पन्ना है।
“सोने की चिड़िया”नाम से विश्व में मशहूर,विभिन्न धर्मों,जाति भाषाओं,संस्कृतियोंवाला देश कहलाता है।
गणित,अर्थशास्त्र,राजनीति, ज्योतिष,योग,कला ज्ञान- विज्ञान का पाठ विश्व को सर्वप्रथम हमने पढ़ाया है,
वीरों,शूरों की भूमि,बच्चे,जवान, महिलाऐं,पुरुष किसी से न डरते, आंच आए देश पर,तो सब त्याग, प्राण अर्पण को सदा तत्पर रहते।
देवी,देवताओं,महापुरुषों,ऋषियों,मुनियों,समाज सुधारकों,त्यागियों ने लिया जन्म जहां,
सत्य,अहिंसा,शांति,विश्व बंधुत्व, अतिथि देवो भव:,अनेकता में एकता का पाठ पढ़ाया जाता यहां।
बहुत कुछ दिया भारत ने इस विश्व को,
तरसते लोग शांति की खोज में यहां आने को।
इस भूमि में है स्नेह,प्यार,त्याग, बलिदान की अनमोल भावना,
अतुल्य,अनमोल धरोहर है,हमारी संस्कृति और परंपरा।
सदियों से लेखकों,कवियों ने किया सदैव मेरे भारत का गुणगान,
सदा रहे मेरा देश विश्व में अपना सर ऊंचा किए,रहे मेरा भारत महान।