ई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दलितों पर अत्याचार, केंद्र सरकार की ‘‘नाकामी’’ और संसद की कार्यवाही ठप होने के खिलाफ अपनी पार्टी के राष्ट्रव्यापी ‘‘अनशन’’ राजघाट पर पहुंच गए हैं. कांग्रेस के नए संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों/प्रभारियों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों के कांग्रेस मुख्यालयों में 9 अप्रैल को उपवास रखा जाए. हालांकि राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही राजघाट पर विवाद हो गया है. दरअसल वहां पर बने मंच पर कांग्रेस नेता जगदीश टाईटलर और सज्जन कुमार मंच पर पहुंच गए. जिस पर विवाद शुरू गया.
आपको बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस का उपवास बीजेपी के उपवास से दो दिन पहले हो रहा है. बीजेपी के सभी सांसद 12 अप्रैल को उपवास रखेंगे. ये निर्देश ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पार्टी सांसदों को दिया गया है. दरअसल मोदी संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष और ख़ासतौर पर कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है. बीते शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में उन्होने बीजेपी सांसदों से कहा कि वे कांग्रेस की विभेदकारी नीतियों के खिलाफ 12 तारीख़ को उपवास रखें. दलितों के मामले ने जिस तरह के तूल पकड़ा और भारत बंद के दौरान जो हिंसा हुई उसके पीछे बीजेपी विपक्ष को ज़िम्मेदार ठहरा रही है. जाहिर है कांग्रेस और बीजेपी दोनों उपवास के ज़रिए अपने अपने तरीक़े से दलितों के हक़ में खड़ा दिखने की कोशिश कर रही है.