नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र को SC का नोटिस, कोर्ट ने कहा- देखना होगा क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, ”हमें देखना होगा कि क्या एक्ट पर स्टे दिया जा सकता है?” नागरिकता संशोधन कानून की वैधता का परीक्षण सुप्रीम कोर्ट करेगा. फिलहाल केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया गया है और कानून पर कोई रोक नहीं है. इस मामले में चुनौती देने वाली कुल 59 याचिकाएं हैं. सुनवाई 22 जनवरी को होगी.

बताते चले कि नागरिकता संशोधन कानून के पिछले सप्ताह पास होने के बाद से बवाल मचा हुआ है, याचिका दाखिल करने वाले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, इंडियन मुस्लिम लीम और असम में सत्तारुढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद शामिल हैं. सीजेआई जस्टिस बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की. इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.

कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न सहने वाले और 31 दिसम्बर 2014 तक आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा. याचिकाकर्ता का कहना है कि नागरिकता देने के लिए धर्म को आधार नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने नए कानून को संविधान के खिलाफ बताया है.