निर्मल सिंह की विदाई और कविंदर की ताजपोशी की ये हैं वजहें

जम्मू कश्मीर की सियासत में नए बदलाव सामने आए हैं. राज्य में डिप्टी सीएम की कमान निर्मल सिंह से लेकर कविंदर गुप्ता को सौंपी गई है. गुप्ता ने आज उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. गुप्ता की ताजपोशी और निर्मल सिंह की विदाई अप्रत्याशित नहीं है. राज्य में पिछले कुछ दिनों में जिस तरह का घटनाक्रम रहा है उसे देखते हुए ऐसे किसी परिवर्तन की आहट पहले से ही सुनाई देने लगी थी.

कठुआ कांड के चलते निर्मल सिंह की गई कुर्सी

निर्मल सिंह की डिप्टी सीएम की कुर्सी जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह कठुआ मामले में महबूबा मुफ्ती के साथ खड़े होना मानी जा रही है. निर्मल सिंह ने क्राइम ब्रांच द्वारा मामले की जांच का समर्थन किया था, जबकि बीजेपी नेता इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे.

महबूबा से नजदीकी महंगी पड़ी

निर्मल सिंह के महबूबा मुफ्ती के साथ अच्छे समीकरण थे. वे बीजेपी और पीडीपी के बीच पुल का काम करते थे. यही वजह है कि जब राज्य की पूरी बीजेपी कठुआ मामले पर सवाल खड़ा कर रही थी, निर्मल सिंह महबूबा मुफ्ती के सुर में सुर मिला रहे थे. ये बात बीजेपी से लेकर संघ नेताओं को नागवार गुजरी. कठुआ मामले में बीजेपी की किरकिरी को भी निर्मल सिंह बचा नहीं पाए.

पार्टी इमेज सुधारने की कवायद

बीजेपी निर्मल सिंह की जगह डिप्टी सीएम की कमान कविंदर गुप्ता को देकर अपनी इमेज सुधारने का काम कर रही है. सूत्रों की मानें तो आरएसएस और बीजेपी नेताओं द्वारा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जमीनी रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें कहा गया कि जम्मू में पार्टी पूरी तरह से पीडीपी के सामने समर्पण कर चुकी है. पार्टी के मंत्री जम्मू क्षेत्र के हितों की रक्षा करने में विफल हैं, जबकि 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 25 सीटें जम्मू क्षेत्र से मिली थीं.

दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में गुप्ता का नाम उपमुख्यमंत्री के रूप में फाइनल किया गया था, जिसमें पार्टी के महासचिव और जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव, सांसद और राज्य प्रभारी अविनाश राय खन्ना शामिल थे.

राज्य सरकार में बीजेपी कोटे से बनाए जा रहे ज्यादातर मंत्री केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के करीबी बताए जा रहे हैं. कविंदर गुप्ता को भी संघ के साथ-साथ जितेंद्र सिंह का नजदीकी माना जाता है.

RSS-VHP से जुड़े रहे हैं कविंदर गुप्ता

कविंदर गुप्ता जम्मू जिले के गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. तीन साल पहले 19 मार्च 2015 को जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी थी. इस दौरान कविंदर गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

कविंदर गुप्ता आरएसएस के आंगन में पले बढ़े हैं. वे 13 साल की उम्र में ही संघ से जुड़ गए थे. 1975 में आपातकाल के दौरान वे 13 महीने तक गुरदासपुर की पटियाला जेल में रहे. इसके बाद वे पंजाब विश्व हिंदू परिषद के सचिव बने और 1979 तक रहे.

गुप्ता 1993 में बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने और 1998 तक इस पद पर रहे. कविंदर गुप्ता 2005 से 2010 तक लगातार तीन बार जम्मू के मेयर रहे थे. ये अपने आप में रिकॉर्ड है.

2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें गांधी नगर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से टिकट दिया. वे चुनाव जीतकर विधायक बने. इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से जम्मू का विधानसभा अध्यक्ष चुना गया और बाद में कश्मीर का. कविंदर गुप्ता को अब निर्मल सिंह की जगह उपमुख्यमंत्री की कमान पार्टी आलाकमान ने सौंपी है.