सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजोंकी पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है. बहस की शुरुआत करते हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा की जरूरत है.
गौरतलब है कि संविधान पीठ सरकारी नौकरियों की पदोन्नति में ‘क्रीमी लेयर’ के लिए एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा कर रही है. पीठ इस बात पर भी विचार कर रही है कि इस मुद्दे पर सात जजों की पीठ को पुनर्विचार करने की जरूरत है या नहीं.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा की जरूरत क्यों है? जिसपर केंद्र सरकार की तरफ से AG ने कहा कि 12 साल पुराने 2006 का एम. नागराज फ़ैसला SC/ST के प्रमोशन में आरक्षण में बाधक बन रहा है.
AG ने कहा कि जब एक बार उन्हें SC/ST के आधार पर नौकरी मिल चुकी है तो फिर प्रमोशन में आरक्षण के लिए दोबारा डेटा की क्यों जरूरत है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन देने की इजाजत दे दी थी.