मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों ने शुरुआती 45 मिनट के कारोबार में 20 हजार करोड़ रुपए गंवा दिए। 10 बजे तक कंपनी का शेयर 3.25% टूट गया और 20 हजार करोड़ रुपए की मार्केट कैप साफ हो गई। शुक्रवार को बीएसई पर शेयर 994.75 रुपए पर बंद हुआ था जो सोमवार को कारोबार के दौरान 961.10 तक लुढ़क गया। शुक्रवार को कंपनी की मार्केट कैप 6.30 लाख करोड़ रुपए थी जो घटकर 6.10 लाख करोड़ तक गिर गई। शुक्रवार को कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे आए थे। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का मुनाफा 17.3% बढ़कर 9,435 करोड़ और आय 39% बढ़कर 1,29,120 करोड़ रुपए हो गई।
शेयर में गिरावट की वजह
कंपनी ने आने वाले महीनों में केजी डी-6 ब्लॉक से तेल और गैस का उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। जनवरी से मार्च तिमाही में इस क्षेत्र में गैस का उत्पादन घटकर औसतन 4.3 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर्स प्रति दिन रह गया है। कंपनी ने इस गिरावट की वजह नेचुरल बताई है। बंगाल की खाड़ी में स्थित इस ब्लॉक में प्रोडक्शन बंद किया जाएगा।
100 बिलियन डॉलर से दूरी बढ़ी
मार्केट कैप घटने के साथ ही 100 बिलियन डॉलर क्लब से रिलायंस की दूरी बढ़ गई है। शुक्रवार को कंपनी की मार्केट कैप 12,335 करोड़ रुपए बढ़कर 6,30,185.08 करोड़ रुपए पहुंच गई थी। 100 बिलियन डॉलर यानि 6.67 लाख करोड़ तक पहुंचने के लिए कंपनी को 37 हजार करोड़ रुपए की जरूरत थी। निवेशकों को शायद कंपनी के नतीजे रास नहीं आए और बिकवाली के दबाव में सोमवार को गिरावट के साथ शुरुआत हुई जो 45 मिनट में ही 3.25% तक बढ़ गई। इस तरह कंपनी का मार्केट कैप को नुकसान हुआ और 100 बिलियन डॉलर से फासला बढ़ गया। हालांकि निचले शेयरों से शेयर में करीब 0.75% की रिकवरी देखी गई।
2007 में 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है रिलायंस
आने वाले दिनों में रिलायंस इस 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचती है तो दूसरी बार ये मुकाम हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी। इससे पहले 18 अक्टूबर 2007 को भी रिलायंस की मार्केट कैप 100 बिलियन डॉलर पहुंच चुकी है।
टीसीएस हासिल कर चुकी है मुकाम
– 23 अप्रैल को टीसीएस की मार्केट कैप 6.60 लाख करोड़ रुपए के पार हुई थी। टीसीएस की वैल्युएशन के लिए एक डॉलर की कीमत 66.16 रुपए आंकी गई, 2007 में जब रिलायंस ने ये रिकॉर्ड बनाया था उस वक्त डॉलर 40 रुपए के आसपास था और कंपनी का मार्केट वैल्युएशन करीब 4.11 लाख करोड़ रुपए थी।