
पत्नी पास नही ,
साथ देते मगर हरदम साथ नहीं ..
शादी खुद की पसंद से या मां बाप की ,
फेरे लेते ही बन जाते पति पत्नी ..
एक दूसरे का हाथ थामे जीवनसाथी,
साथ उम्र भर का है सिर्फ एक रात नहीं. पास रहकर भी…
बिना समझे समाज ने ये रस्मोरिवाज बनाया ,
अबतक पली बढ़ी जहां घर है वो पराया.
छोड़ मां बाप का दर पत्नी आती पति घर ,
दोनों मां पापा ही कहते ससुर सास नहीं. पास रहकर भी…
पति पत्नी को मिलता एक दूसरे का सहारा ,
काम जितने भी हो पूरा हो जाए सारा .
एक और एक मिलकर बन जाते हैं ये ग्यारह ,
जोड़ी की ऐसी कैमिस्ट्री जिसका हिसाब नहीं..
पास रहकर भी..
पति पत्नी कहलाते हैं गाड़ी का दोनों चक्का सरपट दौड़े सड़क पर कभी लग जाए धक्का साथ चलकरदोनो पाए मंजिल सांस छूटनेतक छोडे़ साथ नहीं पास रहकर भी…… .