रेणु बाला धार – प्यार और नफरत – साप्ताहिक प्रतियोगिता

प्यार और नफरत दोनों जीवन के रंग हैं ,

प्यार अगर दोस्ती तो नफरत जंग है.

प्यार और नफरत दोनों दिल में डाले डेरा है

आदमी को होता मुश्किल तोड़ना इसका घेरा है.

प्यार और नफरत दोनों से होती बेकरारी है ,

हर पल बेबस रह जाना उनकी लाचारी है .

हो जाए गर प्यार तो छुटता न साथ है

वहीं हुआ जो नफरत तो तोड़ देता हाथ है .

सुनता किसी की नहीं वो दोनों दबंग है

फ़िक्र करे न दुनिया की दोनों मलंग है

प्यार तो है दोस्ती नफरत जंग है…..

प्यार और नफरत शीर्षक कविता स्वरचित रचना…..