सीबीआइ कोर्ट ने रोहतक के बहुचर्चित अपना घर मामले में बुधवार (18 अप्रैल) को फैसला सुना दिया था. अब आज अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी. इस मामले में विशेष सीबीआइ अदालत ने अपना घर की संचालिका मुख्य आरोपित जसवंती देवी सहित 9 आरोपियों को दोषी करार दिया था. बता दें, अदालत ने एक आरोपित अंग्रेज कौर हुड्डा को बरी कर दिया था.
क्या है रोहतक का अपना घर मामला?
रोहतक स्थित अनाथालय अपना घर में 08 मई 2012 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापामारी की थी. इस कार्रवाई के दौरान अपना घर से तीन लड़कियों के लापता होने की जानकारी टीम को मिली. बाद में तीनों लड़कियां दिल्ली से बरामद हुईं. अपना घर में हुई छापेमारी के दौरान आरोपियों की मिली भगत से अनाथालय में रहने वाली लड़कियों को देह व्यापार में ढकेलने, उनके यौन शोषण, मारपीट और मानव तस्करी का खुलासा हुआ था. इसके बाद पुलिस ने अनाथालय की संचालिका जसवंती देवी सहित 10 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
अपना घर की संचालिका जसवंती देवी, उसके भाई जसवंत, बहन शीला, काउंसलर वीणा, ड्राइवर सतीश, कर्मी राम प्रकाश सैनी, जयभगवान, सिम्मी, रोशनी, अंगरेज कौर हुड्डा के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया. सीबीआई की ओर से 121 गवाहों समेत बचाव पक्ष के 26 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. एफआईआर दर्ज होने के बाद ये मामला जून 2012 में सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया.
इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. फिलहाल सिम्मी, वीणा, अंगरेज कौर, आरके सैनी और रोशनी जमानत पर थे. जबकि अन्य पांच आरोपी जेल में हैं. इस मामले के नौ आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जबकि अंगरेज कौर हुड्डा जो तत्कालीन सीडीपीओ थीं, उन्हें सुबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है. उन पर लड़कियों के साथ अनाथालय में मारपीट का आरोप था, लेकिन ये आरोप साबित नहीं किया जा सका.
मामले की जांच जून 2012 में सीबीआई को सौंप दी गई थी. वहीं, अगस्त में इस मामले में पेश किए गए चालान में अपना घर की संचालिका जसवंती देवी को मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया. इस मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में फरवरी, 2018 में अंतिम बहस शुरू हुई थी.