
विधा-सरसी छन्द
शक्ति का ही रूप है नारी
पग पग मिले प्रमाण।
पढ़ो महाभारत या गीता
या तुम पढ़ो पुराण।
शिव की शक्ति उमा हैं देखो
सीता साहस राम।
कान्हा के सब काज बने हैं
लेकर राधा नाम।
बन दुर्गा संहार करे वो
राक्षस को दे मात।
कभी जानकी बन पाले है
बच्चों को दिन-रात।
महिमा उसकी बड़ी अनोखी
बदले कितने रूप।
बने बहन,पत्नि और माता
रोके दुख की धूप।
उसका हर रूप है निराला
देख रहा संसार।
हर एक काज का तुम देखो
उस पर पूरा भार।
जननी है वो मात स्वरूपा।
देती सबका साथ।
हर रिश्ते का मान करे वो
रखती सबको माथ।