
संघर्ष ने बदली इनकी जिंदगी
मेरे द्वारा लिखी गई "मेरा विशवास" कहानी की तरह यह कहानी भी "संघर्ष ने बदली इनकी जिंदगी" सच पर आधारित है|
आशा है की आप सभी पढकर प्रेरित होंगे तथा एक बेटी होने पर गर्व करेंगे|आप सभी जानते होंगे की यह एक चिंता का
विषय है 21 वी सदी में भी स्त्री शारारिक हिंसा,मानसिक उत्पीडन का शिकार होती है |पर यह बात भी बिलकुल सच है कि,
स्वतन्त्रता की नारी बेडियों को तोड़कर अपना अलग आस्तित्व व पहचान कायम करने में सफल रही है|आज की स्त्री चाहे नौकरी
करने वाली हो या घर में काम करने वाली गृहणी,मन और विचार से अधिक स्वतन्त्र और निर्भीक है| मैं भी एक बेटी हु और
आप भी एक बेटी हो| जिस तरह मेरे सपने है उसी तरह आपके भी सपने होंगे | आप सभी बेटियों को कल्पना चावला और
सुनीता विलियम्स की तरह सफलता की एक नई कहानी रचनी है |आज की बेटी को किसी से डरने की जरुरत नहीं है ,वह
असंभव कार्य को भी संभव बनाने में सक्षम है |आज उसने स्वयं को 'स्मार्ट वुमन'के रूप में तैयार कर लिया है |अपने को
फिट रखा ,सुन्दर दिखना ,अपनी पहचान बना कर रखना उसे बखुबी ढंग से आता है|अब आप एक संघर्ष की कहानी पढेंगे
जिसे पढकर आप काफी प्रेरित होंगे और निराशा से आशा की ओर तथा अँधेरे से प्रकाश की ओर कदम उठाए| तथा जीवन की
हर दिशा में उन्नति प्राप्त करें|धीरूभाई अंबानी ने सही कहा है-"यदि आप दृढ़ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करोगे तो सफलता
जरुर मिलेगी"|ओपरा विन्फ्रे का जीवन काफी गरीबी में बीता |उसके अपने लोगो ने ही उसकी जिंदगी में तूफ़ान खड़ा कर दिया,वह
कई बार जिंदगी के रास्तों से फिसली लेकिन इन सबके बावजूद हार नहीं मानी| अपनी अदभुत क्षमता के बल पर दुनिया में खुद को
एक आदर्श के रूप में स्थापित किया |बेहद गरीबी में बचपन बिताने वाली ओपरा को शारारिक शोषण का शिकार होना पड़ा |उसके
रिश्तेदारों ने उसका बलात्कार किया| इस शरारिक शोषण के चलते 14 वर्ष की उम्र में ही,बिन ब्याही माँ बन गई| इस बुरे गुजरते
वक्त में उसकी माँ का भी सहारा नहीं मिल पाया |बहुत ही कम लोग होते है जो इतनी कठिनाइयों भरा सफर तय करने के बाद
जिंदगी के प्रति सकरात्मक नजरियाँ रखते है|ओपरा के पिता ने उन्हें एक नई दिशा दी |ओपरा ने 17 वर्ष की आयु में एक ब्यूटी
पिजंट जीता तथा इवनिंग न्यूज़ चैनल में एंकरिंग करना शुरू कर दिया|अपने अनूठे अंदाज व क़ाबलियत के चलते वह टॉक शो अन्य
टॉक शो के मुकाबले बहुत जल्द,नंबर वन टॉक शो बन गया| 1986 से इस शो को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया जाने लगा| अपनी
सकरात्मक सोच अनूठे अंदाज ,बेबाकपन,दरियादिली ओपरा विन्फ्रे उन लोगो के लिए एक जीती-जागती मिसाल है जो लोग जिंदगी में
आई परेशानियों के चलते मूह मोड लेते है |यह दूसरी कहानी निमिषा की है |निमिषा अपनी नानी माँ से गहराई से जुडी थी, नानी की
मृत्यु का उसे बहुत आघात लगा और साथ ही उसका प्रिय मित्र भी उसे छोड कर चला गया|आघात -प्रतिघात के इस दौर में निराशा
ने निमिषा को पूरी तरह से घेर लिया था| जीवन का मकसद समझ में नहीं आ रहा था| निमिषा कुछ अध्ययन भी नहीं कर पा रही थी
कि किसी प्रतियोगिता में ही बैठ जाती,पर बचपन से साहित्य में रूचि थी |एक दिन पिता जी के मित्र ने निमिषा को सुझाव दिया ,
"बेटा, तुम समाचार पत्रों में पाठकों के स्तम्भ के लिए कुछ लिखो|" माँ ने मेरा हाथ में कलम और कागज पकड़ कर कहा, "लिखो"|
मेरा पत्र प्रकाशित हो गया ,जीवन जीने की नयी राह मिली |बल्कि 200 रु का चेक भी भेजा गया| उसके बाद कानून की पढाई की
तथा आज पटना हाईकोर्ट में एडवोकेट हूँ|मैं सभी बेटियों को यह सन्देश देना चाहती हू कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए|
अगर ओपरा और निमिषा अपनी जिंदगी मे होने वाले संघर्ष से लड़कर यह मुकाम पाया है तो आप क्यों नहीं पा सकते |आप भी
अपनी दृढ़इच्छा और कड़ी मेहनत से जिंदगी को बदल डालो |मैं आप सबको धन्यवाद कहना चाहूंगी जिन्होंने मेरी कहानी "संघर्ष ने
बदली इनकी जिंदगी" पढ़ने पर समय दिया| नमस्ते
नाम: गीता गाबा
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Writer: SaraSach
Web: http://www.sarasach.com
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