Bharat Bandh Live Updates: भारत बंद के दौरान मध्‍यप्रदेश में 4, यूपी में एक की मौत, 5 राज्‍यों में फैली हिंसा

नई दिल्ली: SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. भारत बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और कई संगठनों ने समर्थन भी दिया है. संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए. दलित संगठनों के विरोध का सबसे अधिक असर पंजाब में देखने को मिला, जिसकी वजह से राज्य के सभी शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक परिवहन को आज बंद रखा गया है. इस वजह से राज्य में आज होने वाले सीबीएसई के बोर्ड के पेपर रद्द कर दिए हैं. भारत बंद का असर कई राज्‍यों में देखने को मिल रहा है. बाजार बंद है तो प्रदर्शनकारियों ने रेल सेवा को सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है. इतना ही नहीं कहीं-कहीं पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए है. वाहनों की तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं हैं. हिंसा की घटनाएं पंजाब, राजस्‍थान, झारखंड, उत्‍तर-प्रदेश और मध्‍यप्रदेश तक पहुंच चुकी हैं. तीन बजे तक मध्य प्रदेश में चार मौतें हो गई थी जबकि यूपी में एक की मौत की खबर है.

SC/ST ACT पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद LIVE UPDATES

– भारत बंद के दौरान मेरठ में गोली लगने से एक आंदोलनकारी की मौत
– भारत बंद के दौरान ग्‍वालियर में 19 लोग घायल जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है. मंगलवार शाम छह बजे तक इंटरनेट सेवा को रोका गया.

 – मध्‍यप्रदेश के मुरैना में एक व्‍यक्ति की मौत हो गई है. इसके बाद मध्‍यप्रदेश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. एक लोकल चैनल का एक पत्रकार भी घायल हो गया है.

– मध्‍यप्रदेश के ग्‍वालियर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगाई. वहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा फायरिंग करना का वीडियो भी सामने आया है.

– गुजरात के कच्‍छ में गांधीधाम पर प्रदर्शनकारियों ने वाहनों पर लगाई आग, इस दौरान महिला प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतर नारेबाजी भी की.
– दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों को हॉई अलर्ट पर रखा गया है. दिल्ली पुलिस का कहना है की दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों की सीमा के किसी भी प्रदर्शन करने की अनुमित नहीं है. अगर कोई कानून का पालन नहीं करेगा तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. दिल्ली फायर सर्विस के सभी स्टेशनों को भी हॉई अलर्ट पर किया गया है, ताकि कोई भी आगजनी की घटना को तुरन्त काबू में किया जा सके.

– केन्‍द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हम समझते हैं कि लोग प्रदर्शन क्‍यों कर रहे हैं पर विपक्ष इस पर राजनीति क्‍यों कर रहा है? उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. भीम राव अंबेडकर को कभी भारत रत्‍न नहीं दिया लेकिन अब उनके अनुयायियों की तरह दिखा रहे हैं.

– यूपी में मेरठ के बाद हापुड में भी प्रदर्शन हिंसक हो गया और कई वाहनों पर आग लगाई.

– गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. मैं सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से अपील करता हूं कि वह शांति बनाएं रखें और किसी तरह की हिंसा ना करें. 

–  दलितों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है. राहुल ने कहा है कि दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस /बीजेपी के डीएनए में है, जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं. उन्‍होंने कहा कि हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं. हम उनको सलाम करते हैं.

– भारत बंद को लेकर हो रही हिंसा पर यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लोगों से अपील की है कि कानून व्‍यवस्‍था को ना बिगाड़े. उन्‍होंने कहा कि अगर किसी को कोई दिक्‍कत है तो सरकार के संज्ञान में लाए.

– मेरठ में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. मेरठ में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे और कारों में आग लगा दी थी जबकि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की बात कही गई थी.

– ग्‍वालियर में हिंसा के बाद 4 थानों पर कर्फ्यू लगाया गया
– मुरैना में भी कर्फ्यू लगाया गया है. देवास में टेलों वालों की सब्जियां गिरा दी गई है. कई जगहों पर दुकानदारों ने प्रदर्शकारियों की मांग मानने से इंकार कर दिया तो वहां झड़प की खबरें सामने आई.

– यूपी में भी बंद का असर दिखाई दे रहा है. कई जगह ट्रेनों को रोका गया है. तो मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने कार के शीशे तोड़े दिए.

– राजस्‍थान में कई जगह प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका तो कहीं सड़क पर चक्‍का जाम किया. इतना ही नहीं बाड़मेर में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. इस दौरान उन्‍होंने सड़क पर खड़ी कारों पर आग लगा दी और इतना ही नहीं संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया.

 – कांग्रेस प्रवक्‍ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निश्चित तौर पर रिव्यू पिटिशन डाला जाना चाहिए. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ठीक से पक्ष क्यों नहीं रखा, इसकी जांच होनी चाहिए.