दाऊद इब्राहिम कराची के पॉश क्लिफ्टन इलाके में स्थित किलानुमा घर में बंद रहकर खुद को भले ही सुरक्षित महसूस करता हो और सार्वजनिक तौर पर कभी सामने नहीं आता हो, लेकिन पहली बार उसे विदेश में फैले अपने कारोबार के बारे में बात करते पकड़ा गया है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद ने अस्सी के दशक में भारत से भागने के बाद काले धंधों की मदद से बड़ा एम्पायर खड़ा किया है.
इंडिया टुडे की पहुंच ऐसे पुख्ता सबूतों तक है जिनसे पता चलता है कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय दहशतगर्द और नशीली दवाओं का तस्कर दाऊद इतने वर्षों तक दुनिया के अलग-अलग महाद्वीपों में अपनी डी कंपनी का विस्तार करता रहा.
दाऊद के पास कुल 6.7 अरब डॉलर की संपत्ति होने का अनुमान लगाया जाता है. दाऊद को टेप में दुबई में अपने बेनामी रीयल एस्टेट कारोबार के बारे में बात करते सुना जा सकता है. दुबई को ही डी कंपनी के सभी काले ऑपरेशन्स का सेंटर प्वाइंट माना जाता है. दाऊद की यूएई में अपने बिजनेस एजेंट यासिर के साथ फोन पर बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया, तो उसको किन्हीं और के नामों पर किए गए मोटे निवेश का जिक्र करते सुना गया.
उच्च पदस्थ सुरक्षा अधिकारियों ने इंडिया टुडे से ऑडियो टेप्स की प्रमाणिकता की पुष्टि की है. इनसे पता चलता है कि दाऊद दुनिया भर में फैले अपने काले कारोबार की हर छोटी-बड़ी बात पर किस तरह कराची के व्हाइट हाउस में बैठे बैठे मजबूत पकड़ रखता है. बता दें कि इस व्हाइट हाउस के आस-पास पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसे 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराती है.
चार साल पहले इंटरसेप्ट किए एक टेप में दाऊद को कहते सुना जा सकता है- “ठीक है, इंशाअल्लाह, कल मैं मालूम करवा लूंगा. और कोई डिमांड आ रहा है बिल्डिंग का.”
दाऊद यहां जिस बिल्डिंग की बात कर रहा है वो आलीशान रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट ‘अल खेल हाइट्स’ से जुड़ी है जो दुबई के पड़ोस में सिटी सेंटर से कुछ ही मिनट ड्राइविंग की दूरी पर स्थित है. दाऊद के सवाल पर यूएई में उसका कारोबारी सहयोगी यासिर जवाब देता है- ‘एक ना एक दिन छोड़ के कोई ना कोई आता ही है. अभी तक सात बिल्डिंग बिकी हैं जिनमें 3 हाल ही में बिकी हैं. छह और बिल्डिंग्स की इन्क्वॉयरी (खरीददारों की ओर से) आ रही है. रोज कोई ना कोई आता है बिल्डिंग के लिए मिलने.’
टेप में दाऊद और यासिर, दोनों को अल खेल प्रोजेक्ट में होने वाले संभावित निवेश से होने वाली कमाई के बारे में भी बात करते सुना जा सकता है.
यासिर कराची में बैठे दाऊद को ये भी कहता है- ‘मैंने इरफान को बताया है कि मुझे आज दुबई लैंड डिपार्टमेंट से कॉल आया था.’
दाऊद- ‘ठीक है, सही है, और क्या हाल है मार्केट का, क्या पोजिशन है?’
यासिर- ‘अभी तक तो सही है. मार्केट स्ट्रॉन्ग है अभी. इस महीने में हो ये रहा है कि लोग अच्छा माल बेच नहीं रहे हैं.’
2014 में इंटरसेप्ट किए गए इन टेप्स में दाऊद और उसके यूएई एजेंट को एक एस्क्रो अकाउंट बनाने के बारे में भी विस्तार से बात करते सुना जा सकता है. एस्क्रो अकाउंट यानी ऐसी बैंकिंग सुविधा जिसमें खरीदार और विक्रेता अपनी रीयल एस्टेट डील को पूरा करने के दौरान अपने फंड्स को रख सकते हैं.
अल खेल प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी लेते हुए दाऊद ये भी कहता है- ‘पहले मैं वो ट्रांसफर का मामला एस्क्रो अकाउंट का…मालूम कर लूंगा कि हो सकता है या नहीं…जो चीजें पूछीं हैं उन पर बात कर लूंगा मैं.’ अल खेल प्रोजेक्ट को टेक्सचर नाम की कंपनी की ओर से विकसित किया जा रहा है.
फिर यासिर की ओर से दाऊद को बताया जाता है- ‘दरअसल, सिटी स्पेस में हमारा स्टैंड भी था, जिसमें हमने अल खेल हाइट्स के बड़े बड़े पोस्टर भी लगाए थे.तो आज उन्होंने फोन करके पूछा कि आप क्या अल खेल हाइट्स को बेच रहे हो…उन्होंने कहा कि मिराज (रियल्टर्स) की तरफ से हमें कोई जानकारी नहीं है. तो कल हम उन्हें दस्तावेज दिखाने के लिए ले जा रहे हैं.’
दाऊद- ‘अच्छा…तो मिराज के दस्तावेज को तुमने अपने साथ ले लिया है ना.’
यासिर- ‘जी, मिराज से दस्तावेज टेक्सचर ने लिए हैं. टेक्सचर से हमने लिए हैं.’
टेप्स में इसके बाद दाऊद को अल खेल हाइट्स प्रोजेक्ट के लिए ही एडवरटाइजिंग और मीडिया प्लान के बारे में यासिर से पूछते सुना जा सकता है. खास तौर पर उन फ्रंट के बारे में जिनकी सार्वजनिक तौर पर स्टेकहोल्डर्स के तौर पर पहचान की जा सके.
दाऊद – ‘ठीक…इसमें किसका नाम आएगा (मीडिया प्लान में).’
यासिर- ‘मैंने इरफान भाई को मीडिया प्लान के बारे में बताया था…उनका ये कहना था कि ‘डेवलप्ड बाई मिराज, अल खेल हाईट्स एंड टेक्सचर होल्डिंग’ लिखा जाए.’ और किसी का नहीं डालेंगे. बस ये है की वो नम्बर डालना जरुरी है.’
दाऊद- ‘फोन नम्बर ना.’
यासिर- ‘जी जी फोन नम्बर…फिर वही वाला डालना पड़ेगा.’
दाउद- ‘ठीक है…’
यासिर इसके बाद ‘भाई’ से अपने मालदार जानकारों से लग्जरी अपार्टमेंटों को बेचने के लिए संपर्क की गुजारिश करता है.
यासिर- ‘भाई आप कह रहे थे ना कि आपके भी लिंक…कुछ जानने वाले हैं जो बिल्डिंग में इंटरेस्टेड हैं. तो आप उनसे कह सकते हैं.’
दाऊद- ‘बिल्कुल कह दूंगा.’
इंडिया टुडे के पास ऐसी फुटेज मौजूद हैं, जिसमें दुबई में दाऊद के ऑपरेशनल हब को देखा जा सकता है. ये अल हमरिया पोर्ट में समुद्र के पास स्थित बहुमंजिली इमारत में स्थित है.
जांचकर्ताओं ने इंडिया टुडे को बताया कि समुद्र के पास स्थित अपार्टमेंट दाऊद के कम्युनिकेशन्स सेंटर के तौर पर काम करता है. एक सीनियर जांचकर्ता ने बताया, ‘कराची में बैठे वो रिमोट कंट्रोल से दुबई के अल हमरिया पोर्ट के इसी दफ्तर से इंटरनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क को चलाता है.’ दाऊद की गतिविधियां लंबे समय से इंटेलीजेंस रडार पर हैं.
उच्च पदस्थ सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े शातिर दुबई जाकर दाऊद से बात करते हैं. भारत में ऐसा करने पर उन्हें भारतीय इंटेलीजेंस अधिकारियों की तरफ से इंटरसेप्ट किए जाने का डर रहता है. ठाणे एंटी-एक्स्टॉर्शन सेल से जुड़े पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा कहते हैं- ‘वो देश से बाहर जा सकते हैं, सिंगापुर, दुबई, फोन कॉल करने के लिए, क्योंकि वे यहां टैप की जा सकती हैं.’
इंडिया टुडे के पास मौजूद 2016 के वीडियो में दाऊद के दुबई स्थित एजेंटों और तस्करों को पोर्ट के पास स्थित एक हाई-फाई सुइट में बात करते देखा जा सकता है. इस जगह को छद्म नाम हॉर्बर स्टार जनरल ट्रेडिंग एलएलसी का नाम दिया गया है. इंटेलीजेस सूत्रों के मुताबिक ये कंपनी दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम की है. जांचकर्ताओं ने माना कि वीडियो में दिख रहा पोर्ट ऑफिस जांच के दायरे में है.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर पहचाने जाने वाले प्रदीप शर्मा ने ठाणे में कहा, ‘अल हमारिया पोर्ट का दफ्तर जांच के तहत है. कंपनी का नाम हार्बर है. ये दफ्तर अनीस इब्राहिम का है और किसी ज़ोहेब की ओर से चलाया जाता है. लोग इसी दफ्तर से दाऊद से बात करते हैं. यहां से जुड़े लोग भी जांच के दायरे में हैं. जांच चल रही है.’
अपार्टमेंट में दिखने वाले व्यक्तियों की पहचान ज़ोहेब असद और विजय सुब्बान्ना पुजारी के तौर पर हुई है. जोहेब पाकिस्तान के उस ट्रेंड किए आतंकी बशीर अहमद खान का लड़का है, जिसकी 1993 मुंबई सीरियल विस्फोट केस में तलाश है. जोहेब बाहरिया यूनिवर्सिटी के कराची कैंपस से ग्रेजुएट है. इंटेलीजेस सूत्रों के मुताबिक जोहेब को दाऊद और उसके भाई ने जोहेब के पिता बशीर की भारत विरोधी गतिविधियों का इनाम देने के लिए अपने साथ नौकरी पर रखा.
फुटेज में जोहेब के साथ दिखा पुजारी चंदन तस्करी का संदिग्ध सरगना है जिसे डीआरआई ने बीते वर्ष गिरफ्तार किया था. डीआरआई के जॉइंट डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई में इंडिया टुडे को बताया- ‘पुजारी के खिलाफ लाल चंदन की तस्करी के कई मामले दर्ज हैं. वीडियो में दिख रहा एक व्यक्ति वही है और वो पहले अक्सर दुबई जाता रहता था.’
दाऊद के टेप्स पर इंडिया टुडे की जांच ‘इंटरनेशनल स्कूप’
दाऊद से जुड़े टेप्स के बारे में पूर्व पत्रकार एस बालाकृष्णन ने इंडिया टुडे की जांच को ‘इंटरनेशनल स्कूप’ बताया है. बालाकृष्णन रिपोर्टिंग के दिनों में अंडरवर्ल्ड को कई दशकों तक ट्रैक कर चुके हैं. बालाकृष्णन के मुताबिक टेप्स में निश्चित तौर पर दाऊद इब्राहिम की आवाज है. बालाकृष्णन ने कहा, ‘कराची में अपने घर में हर तरह के आराम के साथ दाऊद दुबई में अपने मेगा प्रोजेक्ट्स को मैनेज कर रहा है. इस आदमी के ऑपरेशन्स का दायरा जानने के लिए और ज्यादा क्या सबूत चाहिएं. वो किसी सभ्य कारोबार की तरह बर्ताव दिखा रहा है. ये अविश्वसनीय है.’
महाराष्ट्र के पूर्व आईपीएस अधिकारी पी के जैन कहते हैं कि इन टेप्स से पता चलता है कि दाऊद कैसे अपने तमाम बिजनेस प्लेटफार्मों का इस्तेमाल अपनी संपत्ति को बढ़ाने में कर रहा है. जैन कहते हैं, ‘वो अपने फंड को इन फ्रंट संगठनों में लगा कर पैसे को सफेद कर रहा है. और थोड़े दिनों में ये वैध हो जाता है.’