हँसी – गोरक्ष जाधव

हँसी
ये हँसी तुम्ही से है, ये खुशी तुम्ही से है,
जिंदगी में आई बहार बस तुम्ही से है।
परेशानियाँ कोई कम नहीं हैं,
मुश्किलों का कोई गम नहीं हैं
रुकावटे आती रहेंगी बार-बार,
तेरे बिना ये खुशियां, खुशियां नहीं हैं।
ये हँसी तुम्ही से है ये खुशी तुम्ही से है,
जिंदगी में आई बहार बस तुम्ही से है।
सफर तो  जिंदगी का चलता रहेगा,
नित सुबह होगी,नित सूरज ढलता रहेगा,
हंसी-खुशी में सफर  जरूर कटेगा,
तेरे साथ से यह दुख -दर्द जरूर बंटेगा।
ये हँसी तुम्ही से है ये खुशी तुम्ही से है,
जिंदगी में आई बहार बस तुम्ही से है।
हमने चाहत का बीज बोया था,
उम्मीदों के कोंपल जगाया था,
तेरे साथ ख्याब मुस्कुरा रहे है,
दिलों में जज्बातों की गुफ्तगू हो रही है।
ये हँसी तुम्ही से है,ये खुशी तुम्ही से है,
जिंदगी में आई बहार बस तुम्ही से है।
तुम्हीसे जुनून है, तुम्हीसे सुकून है,
तुम्ही पर ऐतबार और तुम्ही पे यकीन है,
जिंदगी की ख़ुशियों की  वजह तुम हो,
एहसास औऱ चाहत की जगह तुम हो।
ये हँसी तुम्ही से है,ये खुशी तुम्ही से है,
जिंदगी में आई बहार बस तुम्ही से है।
गोरक्ष जाधव©®
मंगलवेढा, महाराष्ट्र