सारा सच
आपकी कलम,आपकी आवाज हेतू
विषय. तुफान
“मन का तुफान “
देखा है तूफान को सैलाब लाते हुए
जान माल का नुकसान होते हुए
चारों ओर हाहाकार मचते हुए
बड़े बूढे अबला बाल रोते बिलगते हुए
हर तरफ तबाही का मंजर
जान बचाने को बेताब सब
तूफान को क्या पडी जान माल की
वो तो निसर्ग की चालबाजी का अंजाम
देकर जाता है पहाड़ दुःखों का
सहमा डरा तराशता अपनों को
तूफान मन का किसीने जाना हैं कभी
पल पल आंधी तूफान का सामना करता
इस आधुनिक जीवन शैली के मांगों को पूरा करने
आँधी तूफान से चार हाथ करता
चलना है बस चलना है कर्तव्य निभाते
आते रहेंगे जिवन को तहस नहस करने
सारा सच है फिर भी जीना है सकारात्मकता से
उमंग नया, नया जोश लिए पहुंचना है किनारे
चेहरे पर मुस्कान लिए 



प्रा मनीषा नाडगौडा
बेलगाम कर्नाटक