*गीता सा पावन मेरे देश का संविधान है*
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नजरें जब समूचे विश्व की सैर करने निकली तो,
इंसानियत की जीती जागती मिसाल का एक मंजर देखा।
एक पल दिल को लगा कि,
यह एक बहुत बड़ा नाम है,
भाईचारे ,सौहार्द जैसे चमकते मोती उसके मुकुट की बेहतरीन शान हैं,
और उस मुल्क का नाम हिंदुस्तान है।
इस मुल्क में पावन विचारों के अनेकों महान ग्रंथों की दास्तान है,
जिनमें आता बाईबल गीता और कुरान है।
हर वर्ग के शख्स को समान दर्जा देने वाला,
इस वतन का एक पवित्र विधान है।
गीता सा पावन मेरे देश का संविधान है।
दलितों के मसीहा और विश्व ज्ञान के प्रतीक बाबासाहेब अंबेडकर के पावन कर कमलों से
रचित यह एक अनूठा विधान है।
हर पिछड़े को अपने अधिकारों का समान दर्जा इसने दिया,
प्रस्तावना और उद्देशिका से सजा हुआ,
निरपेक्षता का यह अमिट विज्ञान है।
गीता सा पावन मेरे देश का संविधान है।
इसके हर शब्द में इंसानियत की खुशबू आती है,
हर पृष्ठ पर अंकित राष्ट्रध्वज और वतन का सम्मान है।
समान दर्जे के धागों से पिरोया हुआ,
अनूठा मेरे वतन का संविधान है। ये रुतबा जो आज हर जन के जेहन में है,
ऐसी जिंदगी का रुतबा देने वाला, महज हिंदुस्तान का संविधान है।
मूल कर्तव्य और मूल अधिकारों के रंगों से रंगा हुआ।
विश्व रतन बाबा साहेब का यह पावन विधान है।
लोक कल्याणकारी भावनाओं से सरोबार,
यह शासन संचालन का अद्भुत यह विज्ञान है।
गीता सा पावन मेरे देश का संविधान है।
हिंसा और अधर्म को रखता है यह कोसों दूर,
समान दर्जे की चादर ओढ़े हुए यह हिंदुस्तान की एकता की शान है।
सौहार्द से ओतप्रोत यह हर नारी का सम्मान है।
जुल्मों की आग में तप कर सोना बने,
बाबासाहेब अंबेडकर का सुनहरा जिंदा आज ये अरमान है।
शिक्षा की अलख जगाता हुआ,
हर हिंदुस्तानी के दिल में बसा हुआ,
इस मुल्क पावन धरा के लिए एक वरदान है।
गीता सा पावन मेरे देश का संविधान है।
*रचनाकार :नन्जू कुमार महरानिया(NANJU KUMAR MAHRANIA)*
तहसील नीम का थाना, जिला सीकर,राजस्थान।
वर्तमान पद स्थापन: अंग्रेजी वरिष्ठ अध्यापक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय माकडी।