हम स्वतंत्र है – राम नारायण साहू “राज”

*हम स्वतंत्र है*
कही भी आने के लिए
कही भी जाने के लिए
कोई भी चीज खाने के लिए
कोई भी वस्तु लाने के लिए
हम स्वतंत्र है।
अपने हिसाब से जाने के लिए
किसी को मनाने के लिए
हँसते हुए चेहरे को
देखकर मुस्काने के लिए
हम स्वतंत्र है।
कविता सुनाने के लिए
कविता के पास जाने लिए
वक्त आने पर
कविता बन जाने के लिए
हम स्वतंत्र है।
अपना घर बनाने के लिए
सजावट का सामान लगाने के लिए
सपनो के साथ साथ
परिवार में मुस्कराहट लाने के लिए
हम स्वतंत्र है।
मूल रचनाकार
राम नारायण साहू “राज”
ई.डब्ल्यु.एस.-11 , ब्लॉक-12, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, अटल चौक के पास नरदहा, रायपुर (छत्तीसगढ़)