

तब वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी से पूछा गया कि क्या ‘मुठभेड़ों’ की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने जवाब दिया, “मुठभेड़ जैसी कोई चीज़ नहीं है,” उन्होंने कहा कि ‘नियमित और पेशेवर पुलिसिंग’ से तमिलनाडु की राजधानी में आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी।